Edited By Parminder Kaur,Updated: 03 Aug, 2024 11:55 AM
अगर मोबाइल, ब्रॉडबैंड या टेलीफोन सेवा जिले में 24 घंटे के लिए बंद रहती है तो टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को हर्जाना देना होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सेवा की गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने पर जुर्माना राशि 50,000 रुपए से बढ़ाकर...
नेशनल डेस्क. अगर मोबाइल, ब्रॉडबैंड या टेलीफोन सेवा जिले में 24 घंटे के लिए बंद रहती है तो टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को हर्जाना देना होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सेवा की गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने पर जुर्माना राशि 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी है।
यह नया नियम शुक्रवार को जारी किया गया है और 6 महीने बाद लागू होगा। अगर जिले में नेटवर्क गायब हो जाता है, तो दूरसंचार कंपनियों को पोस्टपेड ग्राहकों को उनके बिल में छूट देना पड़ेगा और प्रीपेड ग्राहकों को उनके कनेक्शन की वैधता अवधि बढ़ानी होगी।
नियमों के उल्लंघन के लिए अलग-अलग जुर्माना राशि लागू की जाएगी:
पहली बार उल्लंघन पर 1 लाख रुपए
दूसरी बार उल्लंघन पर 2 लाख रुपए
तीसरी बार उल्लंघन पर 5 लाख रुपए
चौथी बार उल्लंघन पर 10 लाख रुपए
बता दें अगर एक दिन में 12 घंटे से ज्यादा नेटवर्क गायब रहता है या सेवा बंद रहती है, तो ग्राहकों की वैलिडिटी एक दिन बढ़ा दी जाएगी। हालांकि, प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई सेवा बाधित को इस वैलिडिटी विस्तार के लिए नहीं गिना जाएगा। फिक्स्ड-लाइन सेवा प्रदाताओं को नेटवर्क या सेवा में खराबी के तीन दिन बाद पोस्टपेड और प्रीपेड ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए, ग्राहकों से भुगतान मिलने के 7 दिनों के भीतर कंपनी को 98 प्रतिशत कनेक्शन सक्रिय करने होंगे। इसके अलावा, कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर सेवा के प्रकार (जैसे 2G, 3G, 4G, 5G) के लिए भौगोलिक कवरेज के नक्शे उपलब्ध कराने होंगे।