Edited By Mahima,Updated: 07 Sep, 2024 03:37 PM
मध्य प्रदेश के ओरछा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 7 वर्षीय लड़के की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई। यह घटना स्थानीय निवाड़ी जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थल ओरछा में हुई।
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के ओरछा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 7 वर्षीय लड़के की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई। यह घटना स्थानीय निवाड़ी जिले के धार्मिक और पर्यटन स्थल ओरछा में हुई। राघव उर्फ हनी दुबे, जो कि एक सामान्य 7 वर्षीय बच्चा था, अपने घर की ओर साइकिल चला रहा था। अचानक, उसे सीने में तेज दर्द महसूस हुआ। उस समय उसकी मां, वर्षा दुबे, बाथरूम में थी। राघव ने दर्द की शिकायत की और पानी पीने के बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
राघव की मां ने जल्द ही स्थिति को गंभीर मानते हुए आस-पड़ोस के लोगों से मदद मांगी और बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। पहले, राघव को ओरछा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां पर डॉक्टर ने बच्चे की हालत को गंभीर बताते हुए उसे झांसी मेडिकल कॉलेज भेजने की सलाह दी। इसके बाद, राघव को झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाने से पहले ओरछा के तिगैला इलाके में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भी दिखाया गया।
रास्ते में बिगड़ी स्थिति
अस्पताल के रास्ते में राघव की हालत तेजी से बिगड़ती गई। वह दर्द के कारण चिल्ला रहा था और उसकी सांसें तेज और असामान्य हो गई थीं। उसने एक उल्टी की और उसके बाद उसकी सांसें रुक गईं। यह दृश्य परिवार और आसपास के लोगों के लिए बहुत ही तकलीफदेह था। राघव की मां भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा के ओरछा मंडल की महामंत्री हैं। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय नेताओं और पदाधिकारियों ने शोक व्यक्त किया और परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की। स्थानीय निवासी भगत परिहार ने बताया कि उन्होंने राघव को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन अंततः उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
हार्ट अटैक आना कोई बड़ी बात नहीं ?
टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय से रिटायर हुए सीनियर चाइल्ड सर्जन डॉक्टर अशोक नायक ने हाल ही में बच्चों में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि आजकल बच्चों में हार्ट अटैक का आना कोई असामान्य बात नहीं रही है। डॉक्टर नायक ने बताया कि बच्चों का खानपान लगातार बिगड़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना बढ़ रही है। उनका कहना है कि बच्चों की सेहत पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है और अगर बच्चे को सही खानपान और पोषण नहीं मिल रहा है, तो इससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। डॉक्टर ने यह भी संकेत दिया कि हार्ट अटैक का कारण केवल खानपान ही नहीं बल्कि किसी प्रकार के जहर या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जिनका पता पोस्टमार्टम के बाद ही चलता है।
पोस्टमार्टम के बाद होगा क्लियर
डॉक्टर अशोक नायक ने बताया कि बच्चे के हार्ट अटैक के कारणों की सटीक जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही मिलती है। उन्होंने माता-पिताओं से अपील की कि वे बाजार में उपलब्ध जंक फूड को अपने बच्चों से दूर रखें, क्योंकि यह हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण बन सकता है। डॉक्टर ने कहा कि बच्चों की जिद के बावजूद उन्हें अस्वस्थ आहार नहीं देना चाहिए। इसके बजाय, स्वस्थ भोजन और गाय का दूध बच्चों के लिए सबसे अच्छा है, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को उत्तम बनाता है और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याओं से बचाता है।