Edited By Utsav Singh,Updated: 12 Oct, 2024 05:43 PM
दिल्ली की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक से निपटने के लिए दिल्ली सरकार कंजेशन टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। खासकर पीक आवर में, जब सड़कें भीड़ से भरी रहती हैं, इस टैक्स का उद्देश्य ट्रैफिक कम करना है। हालांकि, अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन...
नई दिल्ली : दिल्ली की सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक से निपटने के लिए दिल्ली सरकार कंजेशन टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। खासकर पीक आवर में, जब सड़कें भीड़ से भरी रहती हैं, इस टैक्स का उद्देश्य ट्रैफिक कम करना है। हालांकि, अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन यह नया नियम जल्द ही लागू हो सकता है।
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कंजेशन टैक्स क्या है?
कंजेशन टैक्स एक तरह का ‘भीड़ कर’ होगा। यह उन समयों में लागू होगा जब सड़कें बहुत व्यस्त होती हैं, जैसे कि ऑफिस टाइम। सामान्यतः टोल टैक्स हाईवे पर लगता है, जबकि कंजेशन टैक्स शहर के मुख्य मार्गों पर लागू होता है। इसका मतलब है कि अगर आप पीक आवर में दिल्ली की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर चलते हैं, तो आपको यह टैक्स देना पड़ सकता है। दिल्ली के ट्रांसपोर्ट के स्पेशल कमिश्नर, शहजाद आलम ने बताया है कि वे कंजेशन टैक्स की कीमत तय करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह टैक्स किस-किस रूट पर लागू होगा।
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13 बॉर्डर इलाकों में पायलट प्रोजेक्ट
शहजाद आलम ने कहा कि इस टैक्स को शुरू में ट्रायल के रूप में दिल्ली के 13 बॉर्डर इलाकों में लागू किया जाएगा। ये इलाके अधिकतर वो हैं जहां ट्रैफिक की समस्या अधिक है। दिल्ली सरकार पहले भी कंजेशन टैक्स लगाने पर विचार कर चुकी है। 2018 में, तत्कालीन LG अनिल बैजल ने पीक आवर के दौरान दिल्ली में आने वाले वाहनों पर यह टैक्स लगाया था। उस समय ITO और मेहरौली-गुरुग्राम रोड समेत 21 स्थानों पर यह टैक्स लागू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली को जाम से मुक्त और प्रदूषण रहित बनाना था।
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बेंगलुरु में भी संभावनाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के अलावा कर्नाटक सरकार भी बेंगलुरु में कंजेशन टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। बेंगलुरु भी दुनिया के सबसे भीड़भाड़ वाले शहरों में शामिल है, और यहां रोजाना कई किलोमीटर ट्रैफिक होता है। इसलिए, राज्य सरकार पीक आवर में कुछ सड़कों पर कंजेशन टैक्स लागू कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय उदाहरण
कंजेशन टैक्स का विचार नया नहीं है। दुनिया के कई बड़े शहरों में, जैसे कि सिंगापुर, लंदन और स्टॉकहोम, इस तरह का टैक्स लागू है। इन शहरों ने भीड़भाड़ को नियंत्रित करने और ट्रैफिक की समस्या को हल करने के लिए यह कदम उठाया है। दिल्ली सरकार की यह योजना अगर सफल होती है, तो यह शहर की ट्रैफिक स्थिति को सुधारने में मदद कर सकती है।