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जयराम रमेश ने फिर दोहराई JPC की मांग, कहा- हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का मतलब आरोप पर क्लीन चिट नहीं

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Jan, 2025 06:44 PM

congress demanded a deep investigation into the adani scam

कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने का मतलब यह नहीं है कि अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी को किसी प्रकार की "क्लीन चिट" मिल गई है। पार्टी ने अडानी समूह के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए इसे राष्ट्रीय...

नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने का मतलब यह नहीं है कि अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी को किसी प्रकार की "क्लीन चिट" मिल गई है। पार्टी ने अडानी समूह के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार का गंभीर मामला बताया।

अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी समूह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप लगाए गए थे। हालांकि, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब अपनी रिपोर्ट को बंद करने का फैसला लिया है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह मामले की गंभीरता को कम नहीं करता। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर कहा, "हिंडनबर्ग रिपोर्ट इतनी गंभीर थी कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय को अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने पर मजबूर होना पड़ा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी दोस्तों को लाभ पहुंचाने के लिए भारतीय विदेश नीति का दुरुपयोग भी शामिल है।

अडानी समूह का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद गर्माया

जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि अडानी समूह को लेकर अमेरिकी न्याय विभाग ने रिश्वतखोरी के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, स्विस संघीय न्यायालय ने अडानी से जुड़े बैंक खातों को अवैध गतिविधियों के संदेह में फ्रीज कर दिया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि अडानी को कई देशों में अपनी परियोजनाओं को रद्द कराना पड़ा है, क्योंकि इन परियोजनाओं में घोटाले और धोखाधड़ी के सबूत सामने आए हैं।

कांग्रेस की मांग, संयुक्त संसदीय समिति से हौ जांच

कांग्रेस ने इस पूरे मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग दोहराई। रमेश ने कहा, "अगर जेपीसी द्वारा जांच नहीं की जाती है, तो भारतीय संस्थाएं केवल अडानी और प्रधानमंत्री के करीबी दोस्तों की रक्षा करने का काम करेंगी, जबकि देश के गरीब और मध्यम वर्ग को इसके परिणाम भुगतने होंगे।" कांग्रेस का यह भी कहना है कि जिन संस्थाओं पर इस घोटाले की जांच की जिम्मेदारी है, जैसे कि सेबी, वे अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही हैं। सेबी की जांच रिपोर्ट पेश करने में दो साल से अधिक का समय लग चुका है, और अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

 

 

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