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'भारत को भी क्यों रखा जाए?, देश का नाम बदलकर नमो रख दो' RRTS ट्रेन के नामकरण पर कांग्रेस हुई आगबबूला

Edited By Yaspal,Updated: 19 Oct, 2023 11:23 PM

congress furious over naming of rrts train

देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन के नामकरण को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस ने ट्रेन के नाम पर आपत्ति जताई है। दरअसल, भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन (RRTS) का नाम ‘नमो भारत’ रखा जाएगा

नेशनल डेस्कः देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन के नामकरण को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस ने ट्रेन के नाम पर आपत्ति जताई है। दरअसल, भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन (RRTS) का नाम ‘नमो भारत’ रखा जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। इसकी जानकारी सामने आते ही कांग्रेस आगबबूला हो गई और कहा कि भारत को भी क्यों रखा जाए? बस देश का नाम बदल कर नमो रख दो और काम से काम चला लो।
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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, “भारत को भी क्यों रखा जाए? बस देश का नाम बदल कर नमो रख दो और काम से काम चला लो।” पवन खेड़ा के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस सोशल मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश ने कहा, “नमो स्टेडियम के बाद अब नमो ट्रेन। उनकी आत्म-मुग्धता की कोई सीमा नहीं है।


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी शुक्रवार को देश की पहली रीजनल रैपिट ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। 17 किमी के इस फेज में पांच स्टेशन होंगे। यह ट्रेन दिखने में मेट्रो जैसी होगी। ऑटोमेटिक दरवाजे, आरामदायक सीट और हर कोच में छह-छह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
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एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच, भारत के प्रथम ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (आरआरटीएस) के निर्माण की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। एनसीआरटीसी ने पूर्व में कहा था कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के समूचे 82.15 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन जून 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है। आरआरटीएस ट्रेन में यात्रियों के लिए सीट के ऊपर सामान रखने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, वाई-फाई और प्रत्येक सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा दी गई है।

कई तरह की सुविधाओं से लैस है रैपिडएक्स ट्रेन
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड के उद्घाटन से पहले बुधवार को रैपिडएक्स ट्रेन का मीडिया के सामने पूर्वावलोकन आयोजित किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा 'रैपिडएक्स' नाम की सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा के लिए ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' (आरआरटीएस) गलियारे का निर्माण कराया जा रहा है। एनसीआरटीसी केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम है। ये ट्रेन ओवरहेड लगेज रैक, वाई-फाई और हर सीट पर एक मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट जैसी यात्री सुविधाओं के अलावा कई सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
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हर कोच में लगभग 6 सीसीटीवी कैमरे 
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर कोच में लगभग 6 सीसीटीवी कैमरे हैं और इस कॉरिडोर पर यात्रियों की सुरक्षा एक प्राथमिकता है। डिब्बों में अन्य सुविधाओं में एक आपातकालीन दरवाजा, स्वास्थ्य संबंधी समस्या या अन्य प्रकार की आपात स्थिति के मामले में ट्रेन ऑपरेटर से बात करने के लिए एक बटन और आग बुझाने वाले यंत्र शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के ‘प्रीमियम कोच' में एक ट्रेन अटेंडेंट मौजूद रहेगा, लेकिन वह अन्य डिब्बों में भी घूम सकता है। आपात स्थिति में उससे संपर्क किया जा सकता है।

 

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