Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Dec, 2024 06:20 PM
आंबेडकर विवाद के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि कल से कांग्रेस तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और मैं इसकी निंदा करता हूं। कांग्रेस बीआर अंबेडकर विरोधी है, यह आरक्षण और संविधान के खिलाफ है।...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने राज्यसभा में बाबा साहेब आंबेडकर पर दिए गए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और कहा कि वह सपने में भी संविधान निर्माता का अपमान नहीं कर सकते हैं। शाह ने यहां भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है, वह अत्यंत निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं।''
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा' विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।''
कांग्रेस आंबेडकर की विरोधी है- अमित शाह
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे। उन्होंने कहा, ‘‘इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर की विरोधी पार्टी है। कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर का भी अपमान किया। कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी। नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया।''
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर का विरोध किया था। किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहेब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की... जहां तक भारत रत्न देने की बात है, तो कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया है। नेहरू ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहेब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी समर्थित सरकार थी। अंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है।"
अमित शाह ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया। सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब यह पूरा सत्य उजागर हो गया तो कल से कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को आजमाते हुए बातों को तोड़ मरोड़ कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहना कर समाज में भ्रांति फैलाने का प्रयास किया है।'' शाह ने कहा कि वह उस पार्टी से आते हैं जो सपने में भी बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकते। संवाददाता सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू सहित कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता उपस्थित थे।