Edited By Harman Kaur,Updated: 01 Feb, 2025 12:02 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में 2025 का केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। इस बजट पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट भी कर दिया। कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस बजट से किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं...
नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में 2025 का केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। इस बजट पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट भी कर दिया। कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि इस बजट से किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती। उनका मानना है कि सरकार आंकड़ों के जरिए बड़े-बड़े दावे करेगी, लेकिन इनका आम जनता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
'आम लोगों की असल जरूरतों को नजरअंदाज'
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस बजट में आम लोगों की असल जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है और केवल दिखावटी घोषणाएं की जा रही हैं। उनका कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ठोस और असरदार नीतियों की जरूरत है, जो आम जनता को फायदा पहुंचा सकें।
वहीं, जय राम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि कई वर्षों तक इस मांग को ठुकराने के बाद ,वित्त मंत्री ने सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 में लागत मानदंडों में संशोधन की घोषणा की है। हालांकि, वित्त मंत्री के इस घोषणा का विस्तार नीचे दिए गए बिंदुओं तक नहीं है -
I. स्कूलों में नाश्ते को शामिल करना
II. एक गिलास दूध का प्रावधान, जैसा कि कर्नाटक में क्षीर भाग्य योजना के माध्यम से किया जाता है।
III. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले मानदेय में वृद्धि
केंद्रीय शिक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय खुद इन प्रस्तावों पर वर्षों से जोर दे रहे हैं, लेकिन वित्त मंत्रालय द्वारा उन्हें ठुकरा दिया गया है। इन बुनियादी प्रावधानों के बिना वित्त मंत्री लोगों में किस तरह के निवेश की कल्पना कर रहे हैं?