Edited By Parveen Kumar,Updated: 14 Dec, 2024 08:02 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब भी दुनिया में लोकतंत्र की बात होगी, कांग्रेस के माथे से आपातकाल का कलंक कभी नहीं मिटेगा, क्योंकि...
नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में संविधान के 75 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब भी दुनिया में लोकतंत्र की बात होगी, कांग्रेस के माथे से आपातकाल का कलंक कभी नहीं मिटेगा, क्योंकि लोकतंत्र को दबाया गया और संविधान निर्माताओं की मेहनत को नष्ट करने की कोशिश की गई।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देश में 50 साल तक एक ही परिवार का शासन था, और इस परिवार ने संविधान को बार-बार बदलने की कोशिश की। 1951 में, जब देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी, तब भी संविधान में बदलाव कर अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला किया गया, जो कि संविधान निर्माताओं का अपमान था।
उन्होंने यह भी बताया कि जब पंडित नेहरू ने संविधान में बदलाव की कोशिश की तो राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें चेतावनी दी थी, लेकिन नेहरू ने अपनी मनमानी की। इसके बाद इंदिरा गांधी ने भी संविधान को बदलने का काम किया।
प्रधानमंत्री ने संविधान के मूल सिद्धांत "विविधता में एकता" पर प्रहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा भारत की एकता को मजबूत करने के लिए काम किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का उदाहरण दिया, जिससे एकता को मजबूती मिली।
मोदी ने इस बात पर भी गर्व जताया कि भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है और देश को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि देश बहुत जल्द तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में मजबूत कदम उठा रहा है, और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सभी भारतीयों का संकल्प मजबूत है।