Edited By Yaspal,Updated: 11 Aug, 2021 06:42 PM
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कांग्रेस ने राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों की पहचान करने और सूची बनाने का अधिकार बहाल करने वाले ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ का बुधवार को राज्यसभा में समर्थन किया लेकिन साथ...
नेशनल डेस्कः कांग्रेस ने राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों की पहचान करने और सूची बनाने का अधिकार बहाल करने वाले ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ का बुधवार को राज्यसभा में समर्थन किया लेकिन साथ ही 50 प्रतिशत आरक्षण की वैधानिक सीमा को खत्म करने और निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था किए जाने की वकालत की और केंद्र सरकार पर जातीय जनगणना से दूर भागने का आरोप लगाया।
उच्च सदन में विधेयक पर चर्चा करते हुए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरक्षण सूची तैयार करने के मकसद को सही तरीके से सरकार यदि क्रियान्वित करना चाहती है तो उसे आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को हटाना पड़ेगा।
खड़गे ने कहा कि इस विधेयक में ही यह प्रावधान किया जाना चाहिए था कि राज्य सरकारें चाहें तो 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दे सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे कोई बाधा नहीं आएगी। मेरी विनती है...आप अगर दिल से चाहते हो...मोदी जी दिल से चाहते हैं...क्या जाने वाला है। एक वाक्य इसमें जोड़ दो कि राज्य सरकारें 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दे सकती हैं। इससे क्या जाता है? बल्कि समस्या का समाधान हो जाएगा।’’
बैंकों, एयर इंडिया और रेलवे का निजीकरण करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि यह सरकार एक के बाद सरकारी संपित्तयों का निजीकरण कर रही है। कांग्रेस नेता ने निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि सरकार को अब इसकी तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘दलितों और पिछड़ों तथा आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए यह जरूरी है। आज निजी क्षेत्र को आरक्षण के दायरे में लाना जरूरी है। हम जैसे इस विधेयक पर आपका साथ दे रहे हैं, उसी प्रकार उस विधेयक पर भी सरकार का साथ देंगे।’’
खड़गे ने विभिन्न क्षेत्रों में खाली पड़े पदों को भरने की मांग करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए जो भी योजनाएं आती हैं उसके क्रियान्वयन में कहीं ना कहीं रुकावटे भी आती हैं।