Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Nov, 2024 10:55 AM
बॉम्बे हाई कोर्ट का कहना है कि नाबालिग पत्नी के साथ सहमति से भी संबंध नहीं बनाए जा सकते। ऐसे मामलों में पति के खिलाफ दुष्कर्म का केस चलाया जाएगा। कोर्ट ने एक मामले में आरोपी की 10 साल की सजा को बरकरार रखी है। नागपुर खंडपीठ के जस्टिस जीए सनप ने 24...
नेशनल डेस्क. बॉम्बे हाई कोर्ट का कहना है कि नाबालिग पत्नी के साथ सहमति से भी संबंध नहीं बनाए जा सकते। ऐसे मामलों में पति के खिलाफ दुष्कर्म का केस चलाया जाएगा। कोर्ट ने एक मामले में आरोपी की 10 साल की सजा को बरकरार रखी है। नागपुर खंडपीठ के जस्टिस जीए सनप ने 24 वर्षीय शख्स की अपील खारिज कर दी। इस शख्स ने सत्र न्यायालय के 2021 के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसे नाबालिग पत्नी के यौन उत्पीड़न के लिए पॉक्सो एक्ट और आईपीसी के तहत दोषी ठहराया गया था। हाई कोर्ट ने कहा कि 18 साल से कम उम्र की लड़की से संबंध बनाना दुष्कर्म है, भले वह विवाहित हो या नहीं।
गर्भवती होने के बाद की थी शादी
पीड़िता ने 2019 में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि वह इस आदमी के साथ रिश्ते में थी। मना करने के बावजूद उसने दुष्कर्म किया, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई। फिर दोनों ने शादी कर ली। हालांकि, तथाकथित पति ने गर्भपात पर जोर दिया। इस दौरान पीड़िता ने बेटे को जन्म दिया। डीएनए विश्लेषण के अनुसार, वह व्यक्ति ही बच्चे का जैविक पिता था। व्यक्ति ने अपील में दावा किया था कि संबंध सहमति से बने थे, जिस समय का जिक्र किया गया है, तब वह नाबालिग नहीं थी। हालांकि कोर्ट ने इसे नहीं माना। कोर्ट ने कहा- दस्तावेजों के अनुसार महिला का जन्म 2002 में हुआ था और 2019 में घटना के वक्त वह नाबालिग थी।