25 जून को मनाया जाएगा 'संविधान हत्या दिवस', अमित शाह ने किया ऐलान

Edited By Mahima,Updated: 12 Jul, 2024 09:18 PM

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केंद्र सरकार ने आज इमरजेंसी को याद करते हुए 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित कर दिया है। इसको लेकर केंद्र ने आज यानी 7 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी किया है।दरअसल, 25 जून, 1975 को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी।

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने आज इमरजेंसी को याद करते हुए 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित कर दिया है। इसको लेकर केंद्र ने आज यानी 7 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी किया है।दरअसल, 25 जून, 1975 को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। ऐसे में अब भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था। 

इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर ट्वीट के जरिए साझा की है। उन्होंने पोस्ट किया, "25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तानाशाही मानसिकता का परिचय देते हुए देश पर आपातकाल थोपकर हमारे लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को बिना किसी गलती के जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है। यह दिन उन सभी लोगों के महान योगदान को याद करेगा जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को सहन किया था।"
 

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को 'संविधान… pic.twitter.com/KQ9wpIfUTg

— Amit Shah (@AmitShah) July 12, 2024

उन्होंने आगे लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य उन लाखों लोगों के संघर्ष का सम्मान करना है, जिन्होंने तानाशाही सरकार की असंख्य यातनाओं व उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। ‘संविधान हत्या दिवस’ हर भारतीय के अंदर लोकतंत्र की रक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अमर ज्योति को जीवित रखने का काम करेगा, ताकि कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न कर पाए।' #SamvidhaanHatyaDiwas"
 

The decision made by the government led by PM Shri @narendramodi Ji is intended to honor the spirit of millions who struggled to revive democracy despite facing inexplicable persecution at the hands of an oppressive government.

The observance of 'Samvidhaan Hatya Diwas' will…

— Amit Shah (@AmitShah) July 12, 2024

क्यों लगता है आपातकाल?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत, राष्ट्रपति देशवासियों के मौलिकअधिकारों को निलंबित करते हुए राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार रखते हैं। यह घोषणा प्रधानमंत्र अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश पर की जाती है। आपातकाल के इस स्थिति में, नागरिकों के मौलिक अधिकार स्थाई रूप से निलंबित हो जाते हैं और संविधान के अनुच्छेद 352 के प्रावधानों के अनुसार सुरक्षित किए जाते हैं। राष्ट्रपति अपने इस फैसले के पीछे देश की सुरक्षा और अदालती स्थिरता को महत्वपूर्ण मानते हुए इस कदम को उठाते है। भारत में अब तक भारत में कुल तीन बार आपातकाल लग चुका है। इसमें वर्ष 1962, 1971 तथा 1975 में अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल लगाया गया था।

 

 

 

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