Edited By Rahul Rana,Updated: 11 Nov, 2024 03:40 PM
कर्नाटक के मांड्या जिले के हनकेरे गांव में स्थित सदियों पुराना कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर में दलितों के दर्शन करने पर कुछ ग्रामीणों ने विरोध जताया। जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मंदिर की मुख्य मूर्तियों को बाहर रख दिया। बता दें कि यह मूर्तियां मंदिर...
नेशनल डेस्क। कर्नाटक के मांड्या जिले के हनकेरे गांव में स्थित सदियों पुराना कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर में दलितों के दर्शन करने पर कुछ ग्रामीणों ने विरोध जताया। जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मंदिर की मुख्य मूर्तियों को बाहर रख दिया। बता दें कि यह मूर्तियां मंदिर के उत्सव के दौरान गांव की परिक्रमा के दौरान काम में लाई जाती हैं।
क्या था मामला?
बता दें कि यह घटना रविवार को हुई। मंदिर में दलितों को दर्शन की अनुमति देने पर कुछ ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है और इसमें कई पुरानी परंपराएं हैं, जिन्हें नहीं बदला जाना चाहिए। साथ ही कुछ ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि गांव में दलितों के लिए एक अलग मंदिर पहले ही बनवाया गया था, और मुख्य मंदिर में उनकी एंट्री पर पाबंदी थी।
वहीं गुस्साए ग्रामीणों ने मुख्य मूर्तियों को एक अलग कमरे में रख दिया और मंदिर का दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने गांव में बैठक की और दलितों के लिए मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी।
अधिकारियों की कार्रवाई और समाधान
इस मौके पर बातचीत करते हुए तहसीलदार बीरेदार ने बताया कि अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने अपना विरोध खत्म किया और मंदिर के दरवाजे फिर से खोल दिए। इसके बाद मंदिर में सभी जातियों के भक्तों के लिए प्रवेश खोल दिया गया और सभी रस्में पूरी की गईं।
फिलहाल अब गांव में शांति बनी हुई है, लेकिन पुलिस कर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।