Edited By Radhika,Updated: 17 Mar, 2025 04:45 PM

दिल्ली की अदालत ने गैंगरेप के चार आरोपियों के खिलाफ एक अहम फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा कि इन आरोपियों को 20 साल की सज़ा सुनाई है। बताया जा रहा है कि यह मामला 2015 का है।
नेशनल डेस्क: दिल्ली की अदालत ने गैंगरेप के चार आरोपियों के खिलाफ एक अहम फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा कि इन आरोपियों को 20 साल की सज़ा सुनाई है। बताया जा रहा है कि यह मामला 2015 का है। इस मामले में दो महिलाओं ने नौकरी का झांसा देकर एक लड़की को दिल्ली के विनोद नगर से किडनैप कर उसके साथ गैंगरेप किया। आरोपी लड़की को बेचना चाहते थे और इस बारे में वे खरीददारों से भी बात कर रहे थे। गनीमत रही की लड़की वहां से भाग निकली।
अदालत ने इस मामले में 4 मार्च को फैसला सुनाया था। अदालत ने कहा, “दोषियों के क्रूर और अमानवीय कृत्य को देखते हुए कड़ी सजा देना जरूरी है... ताकि यह न केवल अपराध की गंभीरता के अनुरूप हो, बल्कि दूसरों के लिए भी एक सबक बने। दोषी किसी भी तरह की रियायत के हकदार नहीं हैं।”
साहस और इच्छाशक्ति से बची थी पीड़िता-
जज ने कहा, “पीड़िता अपने साहस और इच्छाशक्ति से ही उस भयावह स्थिति से बच सकी, अन्यथा उसे कहीं बेच दिया जाता और उसके घर लौटने की कोई संभावना नहीं रहती।”

कठोर होनी चाहिए सज़ा-
जज ने कहा, “अदालतों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसी सजा दें जो समाज की अंतरात्मा की आवाज को प्रतिबिंबित करे और जहां कठोर सजा की जरूरत हो, वहां सजा देने की प्रक्रिया कठोर होनी चाहिए। ऐसे जघन्य अपराध में दया दिखाना न्याय का मजाक उड़ाना होगा। समाज की अन्य महिलाओं के कल्याण और हितों की रक्षा भी की जानी चाहिए क्योंकि अगर दोषियों को रिहा कर दिया जाता है, तो वे अपराध को दोहरा सकते हैं। सजा देने वाली अदालतों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपराध की गंभीरता के अनुरूप सजा दें।”