निमोनिया से हुआ CPM नेता सीताराम येचुरी का निधन, AIIMS को डोनेट की जाएगी डेडबॉडी

Edited By Yaspal,Updated: 12 Sep, 2024 06:16 PM

cpm leader sitaram yechury died of pneumonia

CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी का दिल्ली एम्स में निधन हो गया है। वह बीते कई दिनों से एम्स में भर्ती थे। येचुरी ने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। येचुरी को फेफड़ों में इंफेक्शन था। इसके कारण उनको निमोनिया हो गया था।

नई दिल्लीः CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी का दिल्ली एम्स में निधन हो गया है। वह बीते कई दिनों से एम्स में भर्ती थे। येचुरी ने 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। येचुरी को फेफड़ों में इंफेक्शन था। इसके कारण उनको निमोनिया हो गया था। येचुरी को तेज बुखार की शिकायत के बाद 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। इसके बाद वह आईसीयू में एडमिट थे। कुछ दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। एम्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सीताराम येचुरी के परिजनों ने कहा है कि पार्थिव शरीर के दर्शन के बाद एम्स को दान कर दिया जाएगा। सीताराम येचुरी का निधन निमोनिया से हुआ है। ऐसे में यह जानना जरूरी है की निमोनिया क्यों होता है और कैसे ये बीमारी मौत का कारण बन जाती है।

सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M) के महासचिव थे। वह 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी थे। येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के सांसद रहे थे। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और एक साल बाद, वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए थे।

राहुल गांधी ने जताया दुख
सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताते हुए राहुल गांधी ने X पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। भारत के विचार के रक्षक और हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले थे। मुझे हमारी लंबी चर्चाएं याद आएंगी। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।


'सीताराम का न होना देश के लिए अपूरणीय क्षति'
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सीताराम येचुरी कम्युनिस्ट आंदोलन के एक अद्वितीय साहसी नेता थे। मैं सीताराम के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी और व्यथित हूं। छात्र आंदोलन से उठकर उन्होंने 9 साल तक सीपीआई(एम) के महासचिव के रूप में कठिन राजनीतिक दौर में पार्टी का नेतृत्व किया। सीताराम ने पार्टी के नेतृत्व के पदों पर अच्छी स्थिति बनाकर सीपीआई(एम) और वामपंथ के लिए और भारतीय राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश और उनके लोग गंभीर संकटों का सामना कर रहे हैं, तब सीताराम का न होना, देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

कौन थे सीताराम येचुरी?
बता दें कि सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। वे हैदराबाद में पले-बढ़े और दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की।

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