Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Nov, 2024 03:25 PM
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हवा में जहरीले कण घुलने से सांस लेना मुश्किल हो गया है। बिना मास्क के बाहर निकलना अब स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के करीब पहुंच चुका है,...
नेशनल डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हवा में जहरीले कण घुलने से सांस लेना मुश्किल हो गया है। बिना मास्क के बाहर निकलना अब स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के करीब पहुंच चुका है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 600 के पार है। चारों ओर छाई धुंध और जलती आंखों के साथ लोग इस हालात का सामना कर रहे हैं।
गुरुग्राम के श्मशान घाट की हवा सबसे साफ
दिल्ली-एनसीआर के बिगड़ते वायु गुणवत्ता स्तर के बीच, गुरुग्राम के श्मशान घाट पर हवा की गुणवत्ता सबसे अच्छी मापी गई। मंगलवार शाम को वहां का AQI मात्र 83 दर्ज किया गया, जबकि गुरुग्राम के अन्य इलाकों में यह 350 के आसपास रहा।
श्मशान घाट, जहां आमतौर पर जलती चिताओं से धुएं की अधिकता रहती है, वहां का AQI इतना कम होना सभी को चौंका रहा है। लोग इसे लेकर मजाक में कह रहे हैं कि शुद्ध हवा के लिए अब श्मशान घाट जाना पड़ेगा।
दिल्ली में गंभीर स्थिति
दिल्ली के हालात बेहद खराब हैं। शहर का औसत AQI 450 से ऊपर है और कई क्षेत्रों में यह 600 तक पहुंच चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक है। प्रमुख इलाकों की AQI स्थिति:
आनंद विहार: 591
अशोक विहार फेज 3 और 4: 634
जीटीबी नगर: 617
आनंद लोक: 504
द्वारका सेक्टर 11: 521
GRAP-4 लागू, वाहनों पर प्रतिबंध
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत, दिल्ली और एनसीआर में प्रवेश करने वाले कई श्रेणियों के वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई गई है।
प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे केवल अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर निकलें और मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
प्रदूषण कम करने के उपाय
- शहर में पानी का छिड़काव और स्मॉग गन का उपयोग बढ़ा दिया गया है।
- कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए वाहनों की आवाजाही पर सख्ती बरती जा रही है।
- नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
- दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के इस संकट ने एक बार फिर वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए स्थायी उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।