Edited By Yaspal,Updated: 11 Sep, 2024 12:21 AM
भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतों में जल्द बड़ी कटौती हो सकती है। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं।
बिजनेस डेस्कः भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतों में जल्द बड़ी कटौती हो सकती है। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। अमेरिका के बाजार में ब्रैंट क्रूड ऑयल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। अमेरिकी बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर/बैरल हो गईं, जबकि ब्रैंट क्रूड ऑयल की कीमतें 69 डॉलर/बैरल हो गई हैं। यह 2 दिसंबर 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है, जबकि अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत 65.82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई, जो 4 मई, 2023 के बाद सबसे कम है।
इसका असर भारत में तेल की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है। भारत अपनी जरूरत का 88 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 232.5 मिलियन टन कच्चा तेल आयात किया था। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय दरों में कमी के कारण आयात की लागत में 16 फीसदी की कमी आई है। भारत का कच्चा तेल आयात, रूस से सबसे ज़्यादा है। रूस से आयात, यूक्रेन युद्ध से पहले कुल आयातित तेल का एक प्रतिशत से भी कम था। अब यह भारत की कुल तेल खरीद का लगभग 40 फ़ीसदी हो गया है। इसके बाद इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का नंबर आता है।
भारत का कच्चे तेल आयात का 39 प्रतिशत हिस्सा तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक देशों (OPEC) से आता है। यह भारत का ओपेक से कच्चा तेल आयात का सबसे कम स्तर है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। भारत ने घरेलू स्तर पर इस वित्तीय वर्ष में कच्चे तेल का कम उत्पादन किया और आयात पर निर्भरता बढ़ाई। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष में भारत में 2 करोड़ 94 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। वहीं अपनी जरूरत का 87.7 फीसदी कच्चा तेल आयात किया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष के 87.4 प्रतिशत से ज्यादा है। भारत ने कच्चे तेल के अलावा 23 अरब डॉलर पेट्रोलियम उत्पादों जैसे एलपीजी आदि के आयात पर खर्च किए। भारत ने 47.4 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात भी किए। कच्चे तेल के अलावा भारत एलएनजी गैस का भी आयात करता है।
रूस से सस्ता तेल खरीद रहा भारत
यूक्रेन से जंग के कारण पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध का सामना कर रहा रूस अपनी अर्थव्यवस्था को संतुलित करने के लिए भारत को रियायत कीमतों के साथ तेल निर्यात कर रहा है। इस वजह से भारतीय रिफाइन कंपनियां भरपूर मात्रा में रूस से तेल आयात कर रही हैं।
फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले भारत के इंपोर्ट बास्केट में रूस के तेल की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम थी। लेकिन यूक्रेन से जंग के बाद में भारतीय तेल बाजार में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 35 फीसदी से ज्यादा हो गई। अक्टूबर 2023 में भारत ने रूस से 15.5 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) कच्चे तेल का आयात किया, जबकि पिछले महीने में यह 1.62 मिलियन बीपीडी था। अक्टूबर में भारत द्वारा कुल कच्चे तेल के आयात में रूसी तेल का योगदान लगभग 34 प्रतिशत रहा।