Edited By Rohini,Updated: 07 Jan, 2025 10:25 AM
टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राइ (दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) इस महीने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है जिसका मकसद ग्राहकों को अनचाहे एसएमएस (स्पैम संदेश) से पूरी तरह बचाना है। इसके तहत ग्राहकों को सिर्फ उनकी जरूरत और पसंद के अनुसार संदेश मिलने का विकल्प...
नेशनल डेस्क। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राइ (दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) इस महीने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है जिसका मकसद ग्राहकों को अनचाहे एसएमएस (स्पैम संदेश) से पूरी तरह बचाना है। इसके तहत ग्राहकों को सिर्फ उनकी जरूरत और पसंद के अनुसार संदेश मिलने का विकल्प दिया जाएगा। ट्राइ के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने बताया कि इस समस्या पर काबू पाने के लिए सख्त नियम और नई तकनीकी प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
ग्राहकों को डीएनडी सेवा का लाभ:
: ग्राहकों को "इ-नॉट-डिस्टर्ब" (डीएनडी) सेवा के तहत सुविधा मिलेगी जिससे वे केवल जरूरी एसएमएस ही प्राप्त कर सकेंगे।
: ग्राहक अपनी पुरानी सहमतियां (किसी विक्रेता या कंपनी को एसएमएस भेजने की अनुमति) वापस ले सकेंगे।
डिजिटल लेजर तकनीक (डीएलटी) प्लेटफॉर्म:
: ट्राइ ने डिजिटल लेजर तकनीक (डीएलटी) नाम का प्लेटफॉर्म शुरू किया है।
: यह प्लेटफॉर्म ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है और सभी कंपनियों को इस पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
: बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, कारोबारी संगठनों और सरकारी एजेंसियों के साथ उनके टेलीमार्केटर्स को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा।
: कंपनियों को एसएमएस भेजने के लिए ग्राहकों की डिजिटल या कागजी सहमति की जरूरत होगी।
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कैसे रोका जाएगा स्पैम संदेश?
: डीएलटी प्लेटफॉर्म हर संदेश की वैधता जांचेगा।
: जो संदेश अवैध या अनधिकृत होंगे उन्हें डिलीवर होने से पहले ही ब्लॉक कर दिया जाएगा।
: संदेश कहां से भेजा गया और किसे डिलीवर हुआ, इसका ट्रैक रखना आसान होगा।
: इससे डेटा सुरक्षा सुनिश्चित होगी और ग्राहकों को अनचाहे संदेशों से राहत मिलेगी।
कॉलिंग पैक के नहीं बदलेंगे नियम
ट्राइ ने हाल ही में वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए अलग-अलग टैरिफ वाउचर पेश करने का निर्देश दिया था।
: लाहोटी ने स्पष्ट किया कि इस नियम पर पुनर्विचार नहीं होगा।
: ग्राहकों को डेटा इस्तेमाल करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
: ट्राइ का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं और उद्योग के बीच संतुलन बनाए रखना है।
ट्राइ का उद्देश्य और चुनौतियां
कागजी सहमति को डिजिटल में बदलना:
: सबसे बड़ी चुनौती ग्राहकों की कागजी सहमति को डीएलटी प्लेटफॉर्म पर लाना है।
: हालांकि इसे पूरी तरह खत्म करना मुमकिन नहीं है।
डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करना:
ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग डेटा की गोपनीयता और संदेशों की वैधता सुनिश्चित करेगा।
वहीं कहा जा सकता है कि ट्राइ की यह पहल ग्राहकों को अनचाहे एसएमएस से बचाने में अहम भूमिका निभाएगी। डीएनडी सेवा और डीएलटी प्लेटफॉर्म के जरिए ग्राहकों को अधिक सुरक्षित और जरूरतमंद सेवाएं मिलेंगी।