Edited By Harman Kaur,Updated: 26 Feb, 2025 04:52 PM
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आंध्र प्रदेश पुलिस ने गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को ठगने वाले एक साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये ठग जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत लाभ दिलाने का झांसा देकर महिलाओं को निशाना बना रहे थे। जांच में पता चला है कि अब तक ये अपराधी 42.61 लाख रुपए की...
नेशनल डेस्क: आंध्र प्रदेश पुलिस ने गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को ठगने वाले एक साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये ठग जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत लाभ दिलाने का झांसा देकर महिलाओं को निशाना बना रहे थे। जांच में पता चला है कि अब तक ये अपराधी 42.61 लाख रुपए की ठगी कर चुके थे। पुलिस ने इस गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार कर मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है।
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पुलिस के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने दिल्ली में किराए पर एक कमरा लिया हुआ था। जहां से वह गर्भवती महिलाओं को व्हाट्सएप कॉल करते थे। इन कॉल्स में उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तस्वीर को डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) के रूप में इस्तेमाल किया, ताकि महिलाओं को लगे कि यह किसी सरकारी विभाग का फोन है। इसके बाद ये ठग महिलाओं को फर्जी लिंक और संदेश भेजते थे, जिनमें जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत 70 हजार रुपए तक की वित्तीय सहायता का वादा किया जाता था।
ठग महिलाओं से उनकी व्यक्तिगत जानकारी मांगते थे। फिर इस जानकारी का इस्तेमाल करके वे पीड़िता के मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों तक पहुंच बनाते थे और पैसे निकाल लेते थे। इन साइबर अपराधियों की पहचान रंजीत सिंह, वेंकटनारायण और जतिन के रूप में हुई हैं।
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इतना ही नहीं इन अपराधियों ने कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों से भी मुआवजा दिलाने का झूठा वादा करके लगभग 4 करोड़ रुपए की ठगी की थी। पुलिस थानों में भी इस प्रकार की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसके अलावा, ये लोग ऑनलाइन घोटाले में भी शामिल थे, जिसमें वे महंगे मोबाइल फोन सस्ते दामों पर बेचकर खरीदारों को ठगते थे। अब तक गिरोह के खिलाफ 6 राज्यों में 94 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।