Edited By Parminder Kaur,Updated: 02 Nov, 2024 02:20 PM
साइबर हमलों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इस संदर्भ में एनजीओ प्रहार की 'द इनविजिबल हैंड रिपोर्ट' ने alarming आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अगर इन हमलों को तुरंत नहीं रोका गया, तो 2033 तक इनकी संख्या गंभीर रूप ले सकती है, जो सालाना 1...
नेशनल डेस्क. साइबर हमलों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इस संदर्भ में एनजीओ प्रहार की 'द इनविजिबल हैंड रिपोर्ट' ने alarming आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अगर इन हमलों को तुरंत नहीं रोका गया, तो 2033 तक इनकी संख्या गंभीर रूप ले सकती है, जो सालाना 1 लाख करोड़ तक पहुंच सकती है और जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, यानी 2047 में तब यह संख्या 17 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
मजबूत साइबर सुरक्षा की आवश्यकता
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा तंत्र की तत्काल आवश्यकता है। प्रहार के अध्यक्ष अभय मिक्षा ने बताया कि वर्तमान में साइबर हमले दो प्रकार के होते हैं। पहला पारंपरिक हैकर सिस्टम में कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। दूसरा इससे निपटने के लिए विशेष सावधानी की जरूरत है।
बढ़ते साइबर हमले
'द इनविजिबल हैंड रिपोर्ट' के अनुसार, 2023 में भारत में 7.9 करोड़ से अधिक साइबर हमले हुए हैं और इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है। पिछले साल में इन हमलों में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। 2024 की पहली तिमाही में ही हमलों की संख्या 50 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है।
आर्थिक नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के पहले चार महीनों में भारतीयों को साइबर अपराधों के कारण 1750 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इस दौरान हमलों का शिकार हुए लोगों ने 7 लाख 40 हजार शिकायतें दर्ज की हैं। ये हमले अक्सर लोगों से हेरफेर, जबरदस्ती, या धमकियों के माध्यम से राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल करने के लिए किए जाते हैं और अवैध सट्टेबाजी एप पर इनका सबसे अधिक उपयोग होता है।