रामलीला मंच के पास से हटाए जाने पर दलित दर्शक ने दी जान, अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना

Edited By Harman Kaur,Updated: 08 Oct, 2024 06:43 PM

dalit audience took dreadful step after being removed from ramlila stage

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में रामलीला मंच के पास से हटाए जाने पर आहत हुए एक दलित दर्शक ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सोरों थाना क्षेत्र में आयोजित रामलीला के दौरान पुलिस द्वारा कथित तौर पर अपमानित किए जाने से आहत होकर...

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में रामलीला मंच के पास से हटाए जाने पर आहत हुए एक दलित दर्शक ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, सोरों थाना क्षेत्र में आयोजित रामलीला के दौरान पुलिस द्वारा कथित तौर पर अपमानित किए जाने से आहत होकर एक दलित दर्शक ने आत्महत्या कर ली। वहीं, पुलिस ने बताया कि आयोजकों द्वारा व्यक्ति को शराब के नशे में होने के बाद वहां से हटाया गया।

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में मंगलवार को प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि मंच के करीब कुर्सी पर बैठे दलित व्यक्ति को पुलिस द्वारा अपमानित व पीटे जाने के बाद उसने आत्महत्या कर ली। कासगंज पुलिस की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सोरों थाना क्षेत्र के सलेमपुर बीबी इलाके में सोमवार सुबह रमेश चंद्र (45) अपने घर में फंदे से लटका हुआ पाया गया।

पुलिस के अनुसार, “रामलीला आयोजन समिति के सभी सदस्यों ने सोरों थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) को एक प्रार्थना पत्र देकर कहा कि रमेश नशे की हालत में कार्यक्रम के दौरान मंच पर आया और बैठ गया, जिसके बाद आयोजकों और ग्रामीणों ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से उसे हटाने के लिए कहा और तुरंत बाद उसके दोनों भांजे धारा सिंह और मुनेंद्र उसे घर लेकर चले गए।” पुलिस ने बताया कि आयोजकों ने बताया कि वह पिछले दो-तीन दिनों से शराब पीकर रामलीला कार्यक्रम में आ रहा था। पुलिस के मुताबिक, मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं हैं और घटना में शामिल दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से पुलिस लाइन भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार भारतीय कर रहे हैं और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, अखिलेश ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “उप्र के कासगंज में रामलीला देखते समय मंच के करीब कुर्सी पर बैठने के लिए पुलिस द्वारा अपमानित व पीटे जाने के बाद एक दलित की आत्महत्या का समाचार बेहद दुखद और सामाजिक रूप से चिंताजनक है।” सपा प्रमुख ने कहा, “आजादी का तथाकथित अमृतकाल मना रही भाजपा सरकार के समय में प्रभुत्ववादी सोच को जो बढ़ावा दिया जा रहा है, ये उसका ही परिणाम है कि पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार करने का दुस्साहस किया जा रहा है।” अखिलेश ने दावा किया, “पीडीए समाज का शारीरिक अपमान दरअसल पीडीए के लोगों को मानसिक रूप से कमजोर करने के एक बड़े मनोवैज्ञानिक षड्यंत्र का हिस्सा है। ऐसी घटनाओं पर लीपापोती करना भाजपा सरकार की आदत बन गयी है। घोर निंदनीय। इंसाफ हो।”

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