Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 14 Jan, 2025 03:26 PM
केरल में एक दलित लड़की के साथ हुए कथित यौन शोषण के मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 13 अन्य की तलाश जारी है।
नेशनल डेस्क : केरल में एक दलित लड़की के साथ हुए कथित यौन शोषण के मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 13 अन्य की तलाश जारी है। पथानामथिट्टा जिले में एक दलित लड़की के साथ हुए कथित यौन शोषण के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के अनुसार, पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 13 साल की उम्र से 62 लोगों ने उसका यौन शोषण किया है।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 30 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 59 आरोपियों की पहचान की गई है। इनमें से 44 को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दो आरोपी जो फिलहाल विदेश में हैं, उनके लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया जा रहा है। पुलिस इंटरपोल के जरिए उनके लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की भी योजना बना रही है।
जांच में क्या निकला?
जांच में पता चला है कि कई आरोपियों ने लड़की से पथानामथिट्टा के एक निजी बस स्टैंड पर मुलाकात की थी। इसके बाद उसे वाहनों में विभिन्न स्थानों पर ले जाया गया और उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि पिछले साल जब लड़की बारहवीं कक्षा में पढ़ रही थी, तो उसे इंस्टाग्राम के माध्यम से जानने वाला एक युवक रन्नी के एक रबर बागान में ले गया, जहाँ उसने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने कहा कि जांच में पता चला है कि जनवरी 2024 में कार के अंदर और पथानामथिट्टा जनरल अस्पताल में हुई घटनाओं सहित कम से कम पांच मौकों पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था।
मामला कैसे आया सामने?
यह मामला बाल कल्याण समिति द्वारा आयोजित काउंसलिंग के दौरान सामने आया, जब एक शैक्षणिक संस्थान में पीड़िता के शिक्षकों ने समिति को उसके व्यवहार में उल्लेखनीय बदलावों के बारे में बताया। समिति ने इसके बाद पुलिस को सूचित किया और जांच जारी है। घटना की व्यापक जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था, जिसमें जिला पुलिस प्रमुख वी जी विनोद कुमार की देखरेख में पठानमथिट्टा के डिप्टी एसपी पी एस नंदकुमार टीम का नेतृत्व कर रहे थे। टीम में विभिन्न रैंकों और स्टेशनों से महिलाओं सहित 30 से अधिक पुलिस अधिकारी शामिल हैं। डीआईजी अजिता बेगम ने कहा कि सबरीमाला तीर्थयात्रा सीजन खत्म होने के बाद एसआईटी में और अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
क्यों है ये मामला गंभीर?
यह मामला न केवल एक व्यक्ति के साथ हुए अत्याचार का है, बल्कि यह समाज में व्याप्त यौन शोषण और दलितों के साथ होने वाले भेदभाव के खिलाफ एक लड़ाई का प्रतीक है। इस मामले ने एक बार फिर देश में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।