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दलित दूल्हा घोड़ी चढ़ सके, इसलिए 145 पुलिसवाले बन गए बाराती फिर भी हुआ बवाल

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Feb, 2025 01:39 PM

dalit wedding 145 cops escorting a dalit groom for wedding on horseback

गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव में एक अनोखा और ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला। मुकेश पारेचा, जो एक दलित परिवार से आते हैं, ने पहली बार अपनी शादी में घोड़ी चढ़ने का सपना देखा था। लेकिन इसके लिए उन्हें न केवल अपनी शादी के दिन...

नेशनल डेस्क: गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव में एक अनोखा और ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला। मुकेश पारेचा जो एक दलित परिवार से आते हैं, ने पहली बार अपनी शादी में घोड़ी चढ़ने का सपना देखा था। लेकिन इसके लिए उन्हें न केवल अपनी शादी के दिन अपनी शादी की सुरक्षा के लिए पुलिस से मदद लेनी पड़ी, बल्कि उन्हें यह भी यकीन नहीं था कि उनका सपना इतने सुरक्षा इंतजामों के बावजूद पूरा होगा या नहीं। गदलवाड़ा गांव में आज तक किसी दलित दूल्हे ने घोड़ी पर चढ़कर शादी में हिस्सा नहीं लिया था। मुकेश पारेचा, जो पेशे से एक वकील हैं, ने 22 जनवरी को पुलिस अधीक्षक (SP) को पत्र लिखकर शादी के दौरान किसी अप्रिय घटना की संभावना जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। पारेचा का कहना था कि उनके गांव में अनुसूचित जाति (SC) के लोग कभी घोड़ी पर नहीं चढ़े, और वह इस परंपरा को बदलने वाले पहले व्यक्ति होंगे।

पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम

मुकेश की शादी में सुरक्षा की कोई कमी नहीं छोड़ी गई। इस बारात में 145 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जिसमें एक इंस्पेक्टर और तीन सब-इंस्पेक्टर शामिल थे। यहां तक कि बारात की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया। गढ़ पुलिस थाने के SHO, के. एम. वसावा ने बताया कि यह कदम सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था। पारेचा ने बताया कि शादी के दौरान घोड़ी पर सवार होते हुए सब कुछ शांतिपूर्ण था। लेकिन जैसे ही वह घोड़ी से उतरकर अपनी कार में बैठने लगे, लगभग 500 मीटर चलने के बाद किसी ने उनकी कार पर पत्थर फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे और उनके परिवार के सदस्य घबराए, लेकिन SHO वसावा ने तत्काल कार चलाकर उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया।

क्या हुआ इसके बाद?

इस घटना के बाद, मुकेश ने बताया कि वह जल्द ही पुलिस से इस मामले में शिकायत करेंगे। पुलिस के मुताबिक, पत्थरबाजी की घटना की जांच की जा रही है, लेकिन ड्रोन फुटेज में ऐसी कोई घटना नजर नहीं आई है। हालांकि, पारेचा का कहना है कि यह कोई छोटी घटना नहीं थी, और वह इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाएंगे।

कुछ दिन पहले राजस्थान के अजमेर में भी ऐसी ही एक घटना घटी थी, जहां एक दलित दूल्हे की शादी में 75 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, क्योंकि दूल्हे को सुरक्षा का डर था।

 

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