Edited By Parveen Kumar,Updated: 22 Mar, 2025 10:07 PM

कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष राजेश कुमार ने शनिवार को कहा कि उनकी पदोन्नति पार्टी में दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है।
नेशनल डेस्क : कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष राजेश कुमार ने शनिवार को कहा कि उनकी पदोन्नति पार्टी में दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। इस सप्ताह की शुरूआत में कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के बाद पहली बार शहर आए कुमार ने बीपीसीसी मुख्यालय सदाकत आश्रम में पत्रकारों से बातचीत की। जब कुमार से पत्रकारों ने पूछा कि कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजद और वाम दलों के साथ गठबंधन करके कितनी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है तो उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब देने के लिए अभी बहुत समय है।
उन्होंने 2015 और 2020 के बीच कांग्रेस के मत प्रतिशत में वृद्धि को रेखांकित करने का प्रयास किया, भले ही 243 सदस्यीय विधानसभा में इसकी संख्या 27 से घटकर केवल 19 रह गई। दूसरी बार विधायक बने 56 वर्षीय कुमार ने कहा, "मैं एक दलित चमार परिवार में पैदा हुआ था। कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के राहुल गांधी के आदर्श वाक्य के कारण मुझे राज्य अध्यक्ष बनाया गया है।" उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में मेरे समकक्ष ओबीसी हैं, जबकि पूर्व एआईसीसी बिहार प्रभारी भक्त चरण दास, जो अब ओडिशा इकाई का नेतृत्व कर रहे हैं, वह दलित हैं।
तेलंगाना में हमारी पार्टी की सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही, राहुल गांधी लगातार देशव्यापी जाति जनगणना के लिए दबाव बना रहे हैं, जिसके परिणाम दूरगामी होंगे।" कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष ने कहा कि वह संगठन को कम समय में मजबूत करना अपना प्राथमिक कार्य मानते हैं। हालांकि, उन्होंने चुनाव में सीट बंटवारे के बारे में पूछे गए सवालों को टालते हुए कहा, "ये निर्णय कांग्रेस कार्य समिति द्वारा लिए जाते हैं।"