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भारत के इस राज्य में खतरनाक वायरस ने दी दस्तक, लोगों के बीच डर का माहौल, मृत्यु दर 75% तक

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 06 Mar, 2025 08:19 PM

dangerous virus has hit this state of india mortality rate is up to 75

केरल में एक बार फिर निपाह वायरस का खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड, मलप्पुरम, कन्नूर, वायनाड और एर्नाकुलम जिलों को जूनोटिक इंफेक्शन के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया है।

 नेशनल डेस्क: केरल में एक बार फिर निपाह वायरस का खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड, मलप्पुरम, कन्नूर, वायनाड और एर्नाकुलम जिलों को जूनोटिक इंफेक्शन के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया है। जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि केरल में पहली बार 2018 में यह वायरस फैला था, जिसके बाद 2019, 2021, 2023, 2024 और अब 2025 में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।

निपाह वायरस क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह एक जूनोटिक वायरस (Zoonotic Virus) है, जो जानवरों और इंसानों दोनों में फैल सकता है। यह संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने, उनके तरल पदार्थों के संपर्क में आने या दूषित फल खाने से इंसानों में फैलता है। खासतौर पर चमगादड़ों की लार या यूरिन से दूषित फल खाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, सुअर, बकरी, घोड़े और कुत्ते भी इस वायरस को फैला सकते हैं।

निपाह वायरस कितना खतरनाक है?
निपाह वायरस की मृत्यु दर बेहद ज्यादा है। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, इसकी मृत्यु दर 40% से 75% तक हो सकती है। भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले और विकासशील देशों में यह वायरस और भी खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और इलाज में देरी एक बड़ी समस्या है। इसलिए, इसके लक्षणों की पहचान जल्दी करना और समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है।

निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति में आमतौर पर 4 से 14 दिनों के अंदर लक्षण दिखने लगते हैं। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • बुखार

  • सिरदर्द

  • सांस लेने में दिक्कतें

  • खांसी और गले में खराश

  • उल्टी और दस्त

  • मांसपेशियों में दर्द

  • अत्यधिक कमजोरी

  • भ्रम और मानसिक अस्थिरता

  • आवाज में लड़खड़ाहट

  • दौरे पड़ना

  • गंभीर मामलों में कोमा में जाना

निपाह वायरस से कैसे बचें?

  1. अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।

  2. संक्रमित चमगादड़ों और सुअरों के संपर्क में आने से बचें।

  3. संक्रमित जानवरों को तुरंत आइसोलेट करें।

  4. उन जगहों पर जाने से बचें जहां चमगादड़ रहते हैं।

  5. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।

  6. निपाह वायरस प्रभावित इलाकों में जाने से बचें।

  7. किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर तुरंत मेडिकल जांच करवाएं।

सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
केरल सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है। निपाह वायरस से प्रभावित इलाकों में विशेष निगरानी की जा रही है। साथ ही, संक्रमित लोगों को आइसोलेट कर इलाज दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस बेहद खतरनाक है और इससे बचाव के लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। WHO और CDC के अनुसार, इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है, इसलिए केवल सावधानी और समय पर इलाज ही इसका समाधान है।

 

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