Edited By Pardeep,Updated: 10 Feb, 2025 10:42 PM
![data is being stolen from your phone without even clicking on the link](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_22_38_54508529700-ll.jpg)
आजकल स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। सोशल मीडिया पर रील्स देखने से लेकर दोस्तों से चैट करने तक, हम दिन भर अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। ऐसे में हम कई बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर या फोन में आने वाले मैसेज में फर्जी ऑफर और...
नेशनल डेस्कः आजकल स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। सोशल मीडिया पर रील्स देखने से लेकर दोस्तों से चैट करने तक, हम दिन भर अपने स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। ऐसे में हम कई बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर या फोन में आने वाले मैसेज में फर्जी ऑफर और शॉपिंग लिंक देखते हैं। यदि आप गलती से इन लिंक पर क्लिक कर देते हैं, तो आपकी पर्सनल जानकारी हैकर्स के पास पहुंच सकती है। अब तक साइबर अपराधी ज्यादातर लिंक के जरिए ठगी करते थे, लेकिन हाल ही में एक नई तकनीक सामने आई है, जो इस जोखिम को और भी बढ़ा देती है। इसे ‘जीरो क्लिक हैक’ (Zero Click Hack) कहा जाता है। इस तकनीक में हैकर्स बिना किसी लिंक पर क्लिक किए ही यूजर की सारी जानकारी चुरा लेते हैं।
क्या है जीरो क्लिक हैक?
आजकल हर दिन नई टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, जो हमारे काम को आसान बनाती है। हालांकि, इन तकनीकों का फायदा साइबर अपराधी भी उठा रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के बारे में जागरूकता फैलने के बाद ठगों ने एक नया तरीका ढूंढ लिया है, जिससे वे बिना किसी लिंक को खोले भी किसी भी स्मार्टफोन की जानकारी चुरा सकते हैं।
अब तक हैकर्स किसी को फर्जी लिंक भेजकर उनका फोन हैक करते थे, लेकिन अब ‘जीरो क्लिक हैक’ नामक तकनीक के जरिए हैकर्स बिना लिंक क्लिक कराए स्मार्टफोन में स्पाईवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं। यह स्पाईवेयर स्मार्टफोन के विभिन्न ऐप्स, जैसे व्हाट्सएप्प, ईमेल, या मल्टीमीडिया ऐप्स की कमजोरियों का फायदा उठाकर इंस्टॉल हो जाता है। और जब यह स्पाईवेयर स्मार्टफोन में सक्रिय हो जाता है, तो हैकर्स आसानी से यूजर का डेटा चुरा लेते हैं।
जीरो क्लिक हैक कैसे काम करता है?
इस हैकिंग विधि में हैकर्स किसी को व्हाट्सएप्प या अन्य मैसेजिंग ऐप्स पर एक मालिशियस फाइल भेजते हैं। यह फाइल बिना डाउनलोड या क्लिक किए ही स्मार्टफोन के सिस्टम और ऐप्स में खुद ब खुद प्रोसेस हो जाती है। जैसे ही यह फाइल इंस्टॉल होती है, आपका फोन वायरस से संक्रमित हो जाता है। इसके बाद हैकर्स आपकी कॉल, मैसेज, फोटो, माइक्रोफोन और कैमरे तक को बिना आपकी जानकारी के एक्सेस कर सकते हैं। सबसे खतरनाक बात यह है कि यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी ओटीपी या लिंक के, बिना आपकी जानकारी के होती है। यही कारण है कि इस तरह के हैक से बचाव करना बेहद जरूरी है।
जीरो क्लिक हैक से कैसे बचें?
इस नए साइबर अपराध से बचने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए:
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स्मार्टफोन ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करें: अपने स्मार्टफोन में जो भी ऐप्स इंस्टॉल हैं, उन्हें हमेशा अपडेट रखें। अपडेट करने से ऐप्स में जो भी बग्स या सुरक्षा कमजोरियां होती हैं, वे दूर हो जाती हैं, और नए फीचर्स भी मिलते हैं।
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फोन की बैटरी का ध्यान रखें: अगर अचानक से आपकी फोन की बैटरी जल्दी खत्म होने लगे और आपके फोन पर अनजान नंबरों से बहुत सारे मैसेज आने लगें, तो यह आपके फोन के हैक होने का संकेत हो सकता है।
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अनजान लिंक से सावधान रहें: व्हाट्सएप्प या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी अनजान लिंक को बिना जांचे-परखे न खोलें। ऐसे लिंक हैकर्स द्वारा भेजे जा सकते हैं।
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सुरक्षा ऐप्स का इस्तेमाल करें: अपने स्मार्टफोन में अच्छे एंटीवायरस और सिक्योरिटी ऐप्स इंस्टॉल करें। ये ऐप्स आपके स्मार्टफोन को विभिन्न प्रकार के साइबर हमलों से बचाने में मदद करते हैं।
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फोन की सुरक्षा सेटिंग्स का पालन करें: फोन की सुरक्षा सेटिंग्स को मजबूत बनाएं। स्क्रीन लॉक, फिंगरप्रिंट लॉक या पैटर्न लॉक जैसी सुरक्षा सुविधाओं का उपयोग करें, ताकि कोई आपके फोन को बिना अनुमति के एक्सेस न कर सके।
क्या यह तकनीक खतरनाक है?
जी हां, यह तकनीक बेहद खतरनाक साबित हो रही है क्योंकि इस तरीके से वे बिना किसी संघर्ष के किसी भी स्मार्टफोन के डेटा तक पहुंच सकते हैं। स्पाइवेयर का उपयोग करने से हैकर्स को किसी भी प्रकार की इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं होती, जैसे लिंक पर क्लिक करना या फाइल डाउनलोड करना, और वे बिना किसी चेतावनी के यूजर की जानकारी चुरा लेते हैं। इसलिए, जीरो क्लिक हैक से बचने के लिए हमें अपनी जागरूकता बढ़ानी होगी और अपने स्मार्टफोन की सुरक्षा को पुख्ता करना होगा।