Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 Mar, 2025 08:09 PM

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला जिसे डेढ़ साल पहले मृत घोषित कर दिया गया था, अचानक जिंदा होकर अपने घर लौट आई। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पुलिस विभाग को भी चौंका दिया है।
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला जिसे डेढ़ साल पहले मृत घोषित कर दिया गया था, अचानक जिंदा होकर अपने घर लौट आई। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पुलिस विभाग को भी चौंका दिया है। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब पुलिस विभाग को भी अपनी लापरवाही पर पुनः जांच करनी पड़ी है। मंदसौर जिले के गांधीसागर थाना क्षेत्र के नावली गांव की ललिता बाई के साथ जो हुआ वह किसी रहस्य से कम नहीं था। 18 महीने पहले ललिता गुम हो गई थी और उसके बाद परिवार ने उसे मृत मान लिया था। दरअसल, मध्य प्रदेश के थांदला थाना क्षेत्र में एक अज्ञात महिला की लाश पाई गई थी। ललिता के परिवार ने उस लाश को पहचान लिया और पुलिस की मदद से यह निष्कर्ष निकाला कि यह ललिता की ही लाश है। इसके बाद परिवार ने अंतिम संस्कार की सारी रस्में पूरी कीं, और ललिता के बच्चे यह मानते रहे कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही।
लेकिन एक दिन ललिता अचानक अपने घर लौट आई और सबको हैरान कर दिया। ललिता ने बताया कि वह मर चुकी नहीं थी, बल्कि उसे बहला-फुसलाकर एक युवक ने भानपुरा ले जाकर बेच दिया था। फिर वह राजस्थान के कोटा में डेढ़ साल तक रही और मौका पाकर वहां से भाग निकली। अब वह अपने घर लौट आई थी, जहां उसके नाम के आगे "स्वर्गवासी" लिखा हुआ था और घर में उसकी तस्वीर पर माला चढ़ी हुई थी।
ललिता का दावा
ललिता ने गांधीसागर पुलिस स्टेशन में जाकर अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि एक युवक शाहरुख नामक व्यक्ति ने उसे 18 महीने पहले बहला-फुसलाकर भानपुरा ले जाकर 5 लाख रुपये में बेच दिया। इसके बाद उसे राजस्थान के कोटा ले जाया गया, जहां वह शाहरुख के साथ रही। जब मौका मिला, तो उसने वहां से भागने का प्रयास किया और अपने गांव लौट आई।
किसकी लाश का किया गया अंतिम संस्कार?
ललिता के पिता रमेश ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद, 9 सितंबर 2023 को थांदला क्षेत्र में एक अज्ञात महिला की लाश मिली, जो ललिता से मिलती-जुलती थी। ललिता के परिवार ने इस लाश को पहचान लिया और गलती से उसका अंतिम संस्कार कर दिया। यह पहचान पूरी तरह से गलत थी, क्योंकि वह लाश दरअसल ललिता की नहीं थी।
क्या चार निर्दोष लोग जेल में हैं?
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि हत्या के आरोप में जिन चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, वे अब तक सलाखों के पीछे क्यों हैं? गिरफ्तार किए गए लोग इमरान, शाहरुख, सोनू और एजाज हैं, लेकिन अब यह स्पष्ट हो चुका है कि ललिता की हत्या नहीं हुई थी। वह जिंदा थी और किसी अपराध का शिकार हुई थी, लेकिन इस सब के बावजूद चार लोग जेल में बंद हैं।
पुलिस की लापरवाही और नए सवाल
इस घटना ने पुलिस की लापरवाही की पोल खोल दी है। गांधीसागर पुलिस ने मामले की पुनः जांच शुरू कर दी है और ललिता के बयान के बाद गांव में तफ्तीश की जा रही है। अब यह साफ हो चुका है कि ललिता की हत्या नहीं हुई थी और यह सब एक बड़ी गलती थी। लेकिन सवाल उठता है कि वह लाश किसकी थी जिसे परिवार ने अपनी बेटी की समझकर अंतिम संस्कार किया? और चार निर्दोष लोग जेल में क्यों हैं?