यमन में हत्या के आरोप में सजा-ए-मौत: निमिषा प्रिया के लिए ब्लड मनी से बचाव की उम्मीद

Edited By Mahima,Updated: 22 Jun, 2024 10:06 AM

death sentence murder yemen blood money hopes to save nimisha priya

केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन के सुप्रीम कोर्ट ने अपने नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के जुर्म में सजा-ए-मौत सुनाई है। निमिषा की सजा माफी के लिए केंद्र सरकार ने ब्लड मनी ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है। फिलहाल 40 हजार डॉलर की रकम भारतीय दूतावास के...

नेशनल डेस्क: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन के सुप्रीम कोर्ट ने अपने नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के जुर्म में सजा-ए-मौत सुनाई है। निमिषा की सजा माफी के लिए केंद्र सरकार ने ब्लड मनी ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है। फिलहाल 40 हजार डॉलर की रकम भारतीय दूतावास के जरिए संबंधित परिवार को भेजी जाएगी। 

क्या है निमिषा प्रिया का केस?
पलक्कड़ जिले की निमिषा, नर्सिंग की पढ़ाई के बाद, 2012 में अपने परिवार के साथ यमन पहुंचीं। वहां उन्होंने अस्पताल खोलने की योजना बनाई। यमन के नियमों के मुताबिक, केवल वहां के नागरिक ही ऐसा कर सकते थे, इसलिए निमिषा की मदद तलाल अब्दो महदी ने की। तलाल ने निमिषा के साथ फर्जी शादी के कागजात तैयार कराए ताकि उन्हें अस्पताल चलाने का लाइसेंस मिल सके।

कहानी कैसे बदली?
2015 में यमन में सिविल वॉर छिड़ने के बाद निमिषा परिवार के साथ भारत लौट आईं, लेकिन पैसों की जरूरत के कारण वे अकेले ही यमन वापस चली गईं। तब तक तलाल की नीयत बदल चुकी थी। वह निमिषा पर यौन संबंध बनाने का दबाव डालने लगा और अस्पताल बंद करवाने की धमकी देने लगा। तलाल ने निमिषा का पासपोर्ट भी अपने पास रख लिया था।

हत्या की घटना
पासपोर्ट वापस पाने के लिए निमिषा ने एक योजना बनाई। उसने एक स्थानीय नर्स की मदद से तलाल को नींद का इंजेक्शन दिया। लेकिन ओवरडोज के कारण तलाल की मौत हो गई। घबराई निमिषा और स्थानीय नर्स ने मिलकर शव के टुकड़े कर पानी की टंकी में डाल दिए। जल्द ही वे पकड़ी गईं और 2020 में निमिषा को मौत की सजा सुनाई गई।

क्या है ब्लड मनी?
इस्लामिक कानून के मुताबिक, पीड़ित या उसका परिवार तय कर सकते हैं कि अपराधी को क्या सजा दी जाए। मर्डर के मामले में खून के दोषी को मौत की सजा मिलती है, लेकिन पीड़ित परिवार मर्डरर को पैसों के बदले माफ भी कर सकता है। यही 'दिय्या' या ब्लड मनी कहलाता है। इस्लाम के जानकार मानते हैं कि ये तरीका न केवल माफ करने के मौके देता है, बल्कि मॉनिटरी सपोर्ट से पीड़ित के परिवार को कुछ हद तक इंसाफ भी मिलता है। 

कितना अमाउंट देना पड़ता है?
दिय्या की रकम तय नहीं होती, यह अपराधी और पीड़ित परिवार के बीच सहमति पर निर्भर करती है। फिलहाल भारतीय दूतावास के जरिए 40 हजार डॉलर दिया जा रहा है, लेकिन बातचीत आगे बढ़ाने के लिए यह प्रारंभिक रकम है। निमिषा के परिवार को 3 से 4 लाख डॉलर देने पड़ सकते हैं ताकि मौत की सजा टल जाए।

समर्थन में कैंपेन
निमिषा का परिवार आर्थिक तंगी में है, इसलिए उन्हें बचाने के लिए कई कैंपेन भी चल रहे हैं, जो अब भी फंड जुटाने का काम कर रहे हैं। ब्लड मनी से न केवल माफी का अवसर मिलता है, बल्कि पीड़ित के परिवार को आर्थिक सहायता भी मिलती है। इस महत्वपूर्ण मामले पर सभी की नजरें टिकी हैं, उम्मीद है कि निमिषा को न्याय मिलेगा।

 

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