Delhi High Court ने 16 साल पुराना बरी करने का फैसला पलटा, दो आरोपी दोषी करार

Edited By Harman Kaur,Updated: 26 Aug, 2024 05:59 PM

decision to acquit 16 year old reversed two accused found guilty

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के सिर पर जानबूझकर हमला करने के मामले में 16 साल पहले दो लोगों को बरी करने के फैसले को पलटते हुए उन्हें दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई अदालत ने घायल व्यक्ति की गवाही पर भरोसा नहीं किया और यह गलती की कि...

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति के सिर पर जानबूझकर हमला करने के मामले में 16 साल पहले दो लोगों को बरी करने के फैसले को पलटते हुए उन्हें दोषी करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई अदालत ने घायल व्यक्ति की गवाही पर भरोसा नहीं किया और यह गलती की कि गवाहों के बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं।

उच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा-308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के आरोपों के तहत अक्टूबर 2008 में बरी किए गए आरोपी मोहित कुमार और संदीप कुमार को दोषी ठहराया। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई अदालत के बरी करने के फैसले को चुनौती दी थी, यह कहते हुए कि गवाहों के बयान से घटना पर कोई संदेह नहीं है।

'सिर पर गहरा घाव हो गया था और लगे थे 21 टांके...'
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि शिकायतकर्ता की लगातार गवाही से यह साबित होता है कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता पर तेज धार वाले हथियार से हमला किया, जिससे उसके सिर पर गहरा घाव हो गया था और 21 टांके लगे थे। न्यायमूर्ति कृष्णा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति पीड़ित के सिर पर धारदार हथियार से हमला करता है, तो वह जानता है कि इस तरह के हमले से पीड़ित की मौत भी हो सकती है।

सजा पर बहस करने के लिए 30 अगस्त की तारीख तय
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 2006 में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, दोनों आरोपी शिकायतकर्ता मनिंदर गौतम के पास गए, उसके साथ दुर्व्यवहार किया और फिर नुकीली वस्तु से उस पर हमला किया, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई। उच्च न्यायालय ने सजा पर बहस के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है।

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