Diwali: ऐसा गांव जहां पांच दिनों तक मनाई जाती है दीवाली, जानिए क्या है इसके पीछे की रोचक कहानी

Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Oct, 2024 01:02 PM

deepawali village of andhra pradesh

दीपावली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक गांव का नाम भी है। यह गांव, जिसका नाम दीपावली है, अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है। यहां के लोग दीपावली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक मनाते हैं, जिसमें वे...

नेशनल डेस्क: दीपावली सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक गांव का नाम भी है। यह गांव, जिसका नाम दीपावली है, अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है। यहां के लोग दीपावली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक मनाते हैं, जिसमें वे अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं।

गांव का इतिहास
दीपावली गांव का नाम एक रोचक कहानी से जुड़ा है। कई सदियों पहले, इस क्षेत्र में एक धार्मिक राजा का शासन था। राजा अक्सर पास के श्री कूर्मनधा मंदिर में पूजा करने जाते थे। एक रात, जब वे मंदिर से लौट रहे थे, तो अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। ग्रामीणों ने उनकी सहायता की और अपने दीयों से रास्ता रोशन किया। जब राजा होश में आए, तो उन्होंने देखा कि गांव का कोई नाम नहीं है। उनकी दया और सहायता के लिए कृतज्ञता के रूप में, राजा ने इस गांव का नाम "दीपावली" रख दिया।

दीपावली का पर्व
इस गांव में लगभग 1,000 लोग रहते हैं, और यहां दीपावली का त्योहार विशेष तरीके से मनाया जाता है। यह पर्व पांच दिनों तक चलता है, जिसमें ईश्वर और पूर्वजों की पूजा शामिल होती है। ग्रामीण सुबह जल्दी उठकर अपने घरों में पूजा और पितृ कर्म करते हैं, जिससे वे अपने पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

सोंडी समुदाय का विशेष योगदान
गांव के सोंडी समुदाय के लोग इस पवित्र अनुष्ठान में विशेष भूमिका निभाते हैं। ये लोग नए कपड़े पहनकर अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं, जो नई शुरुआत और सम्मान का प्रतीक है। सुबह होते ही गांव रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठता है, और हर घर में दीये जलाए जाते हैं, जो खुशी और गर्मजोशी का माहौल बनाते हैं।

एकता और सामुदायिक भावना
दीपावली के दौरान, गांव में एकता की भावना को बढ़ावा देने वाले कई अनुष्ठान होते हैं। परिवार मिलकर भोजन साझा करते हैं, मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं, और खुशियों का अनुभव करते हैं। शाम होते ही, गांव दीपों की रोशनी से सज जाता है, और लोग पारंपरिक गीत गाने और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए एकत्र होते हैं।

विरासत का प्रतीक
दीपावली गांव सांस्कृतिक धरोहर और सामुदायिक भावना का प्रतीक है। यहां मनाए जाने वाले दीपावली के त्योहार का अनूठा तरीका न केवल त्योहार के महत्व को दर्शाता है, बल्कि पूर्वजों के प्रति सम्मान और सामूहिकता के गहरे मूल्यों को भी उजागर करता है। यह छोटा सा गांव हर साल दीपों के इस महापर्व को और भी खास बनाता है, जो सबको दया, कृतज्ञता और परंपराओं की ताकत की याद दिलाता है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!