Edited By Mahima,Updated: 17 Dec, 2024 03:04 PM
दिल्ली एयरपोर्ट ने 150 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिससे यह भारत का पहला हवाई अड्डा बन गया है। हाल ही में थाई एयरएशिया एक्स ने दिल्ली और बैंकॉक के बीच सीधी उड़ान शुरू की है। दिल्ली एयरपोर्ट ने अपनी वैश्विक...
नेशनल डेस्क: दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Indira Gandhi International Airport) ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जो न केवल भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका महत्व बढ़ा है। दिल्ली एयरपोर्ट अब भारत का पहला हवाई अड्डा बन गया है, जो 150 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ने में सफल रहा है। यह उपलब्धि दिल्ली एयरपोर्ट की वैश्विक कनेक्टिविटी के रूप में अपनी अहमियत को और मजबूत करती है। इस नई उपलब्धि के साथ, दिल्ली एयरपोर्ट ने अपने नाम एक और रिकॉर्ड जोड़ लिया है और इसने अपनी वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थिति को और पुख्ता किया है।
150 गंतव्यों को जोड़ने वाला पहला एयरपोर्ट
दिल्ली एयरपोर्ट ने इस वर्ष एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। अब यह एयरपोर्ट 150 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ने वाला भारत का पहला हवाई अड्डा बन गया है। इस नई उपलब्धि से एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी और भी विस्तृत हो गई है, जो न केवल भारतीय यात्रियों के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी यात्रा की अधिक सुविधाएं और विकल्प प्रदान करता है।दिल्ली एयरपोर्ट ने अपनी कनेक्टिविटी को और बढ़ाते हुए थाई एयरएशिया एक्स के साथ एक नई उड़ान सेवा शुरू की है, जो दिल्ली और बैंकॉक-डॉन मुआंग (DMK) के बीच सीधी उड़ानें चलाएगी। इस उड़ान के शुरू होने से दिल्ली एयरपोर्ट की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी में और भी इजाफा होगा। एयरबस A330 विमान द्वारा संचालित यह मार्ग शुरुआत में सप्ताह में दो बार चलेगा। हालांकि, एयरलाइंस का उद्देश्य जनवरी 2025 तक इस मार्ग की आवृत्ति को सप्ताह में चार बार करने का है, जिससे यात्रियों के लिए और अधिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
विदेह कुमार जयपुरियार का बयान
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, "यह 150 गंतव्यों को जोड़ने का मील का पत्थर दिल्ली एयरपोर्ट की वैश्विक कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है। हम भारत को विमानन के एक नए युग में ले जाने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। हम दुनियाभर के यात्रियों के लिए दिल्ली एयरपोर्ट को सबसे पसंदीदा केंद्र बनाने के लिए समर्पित हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हमारी कोशिश है कि हम भारत को एक ऐसे वैश्विक विमानन केंद्र में बदलें, जहां हर यात्री को उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं और सेवाएं मिलें। पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली एयरपोर्ट ने 20 से ज्यादा नए इंटरनेशनल डेस्टिनेशन जोड़े हैं, और अब इस उपलब्धि ने हमारी कनेक्टिविटी को और भी मजबूत किया है।"
ग्लोबल कनेक्टिविटी में विस्तार
दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से वैश्विक कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में एयरपोर्ट ने कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ा है, जिससे भारतीय यात्रियों के लिए विभिन्न महाद्वीपों तक पहुंचने के अधिक विकल्प उपलब्ध हुए हैं। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली एयरपोर्ट ने यूरोप, मिडिल ईस्ट, एशिया और अफ्रीका के प्रमुख शहरों के लिए नए उड़ान मार्ग जोड़े हैं, जिससे न केवल यात्रा के समय में कमी आई है, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। इस वृद्धि का लाभ न केवल दिल्ली या भारत के यात्रियों को हुआ है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी यात्रा करने वाले लोग दिल्ली एयरपोर्ट को एक महत्वपूर्ण हब के रूप में देख रहे हैं। इससे दुनियाभर के यात्री दिल्ली एयरपोर्ट का इस्तेमाल अपने यात्रा मार्ग के रूप में करने में अधिक सहज महसूस करेंगे।
भारत में एयरपोर्ट की संख्या में वृद्धि
दिल्ली एयरपोर्ट की यह उपलब्धि भारत के विमानन क्षेत्र की बढ़ती ताकत को भी दर्शाती है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत में एयरपोर्ट की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2014 में भारत में 74 एयरपोर्ट थे, जिनसे हवाई सेवाएं संचालित हो रही थीं। वहीं, 2024 तक यह संख्या बढ़कर 158 एयरपोर्ट हो गई है। इसके अलावा, भारत सरकार की उड़ान योजना (UDAN Scheme) के तहत 613 नए मार्गों पर हवाई सेवाएं शुरू की गई हैं। इससे भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा के विकल्प और अधिक सुलभ हो गए हैं और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है।
भारत की बढ़ती विमानन कनेक्टिविटी के संकेत
दिल्ली एयरपोर्ट के इस रिकॉर्ड के साथ यह भी स्पष्ट होता है कि भारत के विमानन क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में काफी तरक्की की है। देश में नई हवाई सुविधाओं का विस्तार और बढ़ते एयरपोर्ट नेटवर्क ने भारत को वैश्विक विमानन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलवाया है। विशेष रूप से, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में बढ़ोतरी ने छोटे और दूर-दराज के इलाकों तक एयरलाइन सेवाओं को पहुंचाने में मदद की है। यह विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है। दिल्ली एयरपोर्ट की 150 गंतव्यों को जोड़ने की उपलब्धि भारत के विमानन क्षेत्र के लिए एक बड़ी सफलता है। यह न केवल दिल्ली एयरपोर्ट के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। इससे भारतीय विमानन क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी और सेवाओं में भी मजबूती आई है। इस उपलब्धि से यह साफ है कि भारत का विमानन क्षेत्र तेजी से वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित हो रहा है, और आने वाले वर्षों में यह और भी मजबूती से वैश्विक विमानन मानचित्र पर उभरेगा।