Edited By Rahul Singh,Updated: 02 Jan, 2025 07:44 PM
मुख्य चुनाव आयुक्त 18 फरवरी को अपने कार्यकाल के अंतर्गत रिटायर हो रहे हैं, जबकि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। इससे पहले नई विधानसभा का गठन आवश्यक है। इसलिए, निर्वाचन आयोग 23 फरवरी से पहले उपराज्यपाल को नव निर्वाचित...
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव का इंतजार खत्म होने वाला है, क्योंकि चुनाव आयोग अगले हफ्ते चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। इस संबंध में निर्वाचन आयोग सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव 12 से 14 फरवरी के बीच हो सकते हैं और परिणाम 17 फरवरी तक घोषित किए जा सकते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त 18 फरवरी को अपने कार्यकाल के अंतर्गत रिटायर हो रहे हैं, जबकि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। इससे पहले नई विधानसभा का गठन आवश्यक है। इसलिए, निर्वाचन आयोग 23 फरवरी से पहले उपराज्यपाल को नव निर्वाचित विधायकों की सूची सौंपेगा, और 23 फरवरी तक या उससे पहले विधानसभा में नव निर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण हो जाएगा।
6 जनवरी तक जारी होगी वोटर लिस्ट
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने 6 जनवरी तक वोटर लिस्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को विशेष समरी रिविजन (पुनरीक्षण) के बाद वोटर लिस्ट तैयार कर 6 जनवरी तक प्रकाशित करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि नए मतदाता चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद अगले 10 दिनों तक अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करा सकते हैं।
वोटर लिस्ट से नाम हटाने और जोड़ने पर विवाद
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी में राजनीतिक गरमाहट बढ़ गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों एक-दूसरे पर मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटवाने और जोड़ने के आरोप लगा रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में 5000 नाम हटाए गए और 7500 नाम जोड़े गए। उनका कहना था कि इससे उनके निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 12% वोट प्रभावित हो सकते हैं। इन आरोपों को लेकर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि ये आरोप बिना आधार के हैं और आम आदमी पार्टी ने ही यह सब साजिश रची है। बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट से नाम हटवाने की साजिश की है, ताकि इस मुद्दे को बीजेपी पर डाला जा सके और चुनावों में इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके।