Edited By Deepender Thakur,Updated: 12 Jan, 2025 12:32 PM
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी फिर से भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। भाजपा की सच्चाई दिल्ली की जनता भली-भांति जानती है। केजरीवाल के काम-काम और उनकी योजनाओं से दिल्ली की जनता को विश्वास है।
Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली की मटिया महल से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी आले मोहम्मद इकबाल
(Aale Mohammad Iqbal ) से पंजाब केसरी / नवोदय टाइम्स के लिए मुकेश गुप्ता और वाजिद अली ने की खास बातचीत।
पेश हैं विशेष साक्षात्कार के मुख्य अंश...
सवाल- आपके पिता अलग-अलग पार्टियों में रहते हुए लंबे समय तक विधायक रहे। अब आप लोगों के बीच जा रहे हैं। कैसी स्थिति लग रही है?
जबाव- पिता शोएब इकबाल ने मिसाल दी है कि अगर आप 24 घंटे 365 दिन जमीन पर रहते हैं, तो आपका एक अलग वजूद होता है। मटिया महल विधानसभा हम सबसे ज्यादा वोटों से जीतने जा रहे हैं।
सवाल- क्षेत्र में किस तरह से काम किया गया है और आगे की क्या योजना है?
जबाव- समस्याएं रहती हैं और काम भी होते रहते हैं, पुरानी दिल्ली शाहजहां का बसाया हुआ एक इलाका है। शोएब इकबाल ने विकास के बड़े-बड़े कार्य किए। आबादी के हिसाब से हम कामों को इलाकों में कराते हैं। अगले पांच साल में हर घर तक बेहतरीन पानी, बोरिंग का पानी, सरकारी पानी, सीवर की लाइन जो पिछली आबादी के हिसाब से थी उसे बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन रोड मैप बनाया जाएगा। केजरीवाल से इस मुद्दे पर बात की गई है।
सवाल- संकरी गलियों, जाम की समस्या और लटकते बिजली के तारों की वर्षों पुरानी समस्याओं से कैसे निजात दिलाएंगे। इसे आप कैसे देखते हैं?
जबाव- इसमें कोई दो राय नहीं है कि ट्रैफिक जाम पूरी दिल्ली की समस्या है। पार्किंग की दिक्कत है। हम दिल्ली पुलिस से सहयोग चाहेंगे। यहां कुछ सख्त नियम बनाने पड़ेंगे। मार्केट एसाेसिएशन, दिल्ली पुलिस और स्थानीय राजनीतिक प्रतिनिधि मिलकर इस समस्या पर काम कर सकते हैं। लटकते तारों की बात करें तो रोड मैप बनाकर ही काम किया जा सकता है।
सवाल- 93 के बाद से भाजपा इस सीट पर चुनाव नहीं जीत पाई। इस बार मुकाबला किसके साथ मानते हैं?
जबाव- पिछले चार-पांच चुनावों को देखें तो भाजपा यहां दूसरे नंबर पर रही है और इस बार भी हमारा चुनाव मटिया महल विधानसभा में आम आदमी पार्टी और भाजपा के ही बीच रहने वाला है। आप कहते हैं अरविंद केजरीवाल की जो स्कीम है वह सबके लिए है, लेकिन भाजपा और दूसरी पार्टियां कहती हैं कि आप मुसलमानों पर ज्यादा ध्यान देती है। मौलवियों को तनख्वाह देते हैं, और अब दबाव में आए तो ग्रंथियों और पुजारियों को भी पैसा देने की बात कह रहे हैं। भाजपा को यह देखना चाहिए कि जब यहां मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज दिल्ली के मुख्यमंत्री थे ताे वक्फ बोर्ड से ही इमामों को तनख्वाह मिलती थी। आम आदमी पार्टी नहीं दे रही है तो वक्फ बोर्ड दे रहा है। सरकार की घोषणा है तो मैं समझता हूं इस पर भाजपा को कोई भेदभाव वाली बात नहीं करनी चाहिए। हर ज़रूरतमंद के पास पैसा जा रहा है और दिल्ली की जनता इससे संतुष्ट है। लेकिन इसमें माहौल यह बनाया जा रहा है कि मुसलमानों को वेतन दिया जा रहा है।
सवाल- देश बहुत तरक्की कर चुका है। दूसरे मुल्कों से देखें तो लोग कहां से कहां जा रहे हैं?
जबाव- हम आज भी बहुत छोटी बात करके राजनीति का स्तर बहुत छोटा गिरा देते हैं। भाजपा और कांग्रेस की बात करें तो सभी लोग आपकी पार्टी पर आरोप लगाते हैं। उनका कहना है कि आप योजना को घोषित कर देते हैं। जैसे इक्कीस सौ रुपए में महिला सम्मान योजना। फॉर्म भी भरवाए जा रहे हैं। लेकिन पंजाब में हजार रुपए एक महिला को देने का वादा किया था लेकिन वो आप नहीं दे रहे हैं।
सवाल- क्या जवाब देंगे भाजपा और कांग्रेस को?
जबाव- कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों अपनी-अपनी योजनाएं ला रहे हैं। कांग्रेस ढाई हजार की योजना लाई है, लोगों को उस पर यकीन नहीं है। आम आदमी पार्टी की ओर अरविंद केजरीवाल जितनी योजनाएं लाए, लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं। दो सौ यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को फ्री बस यात्रा, दिल्ली सरकार के स्कूल प्राइवेट से बेहतर किए, दिल्ली सरकार के अस्पताल बेहतर हुए, मोहल्ला क्लीनिक बनाए। इन तमाम योजनाओं को इन्होंने पहले भी झूठा कहा, लेकिन जब ये योजनाएं घर-घर पहुंचीं तो पूरी दिल्ली का माहौल बदल गया।
सवाल- आपको आपदा कहा जा रहा है। कहा जा रहा है कि भाजपा का 26 साल का वनवास खत्म होने वाला है। आबकारी नीति हो, स्कूलों का मामला हो, डीटीसी का मामला हो, विधायकों के पाला बदलने का मामला हो, क्या ये मुद्दे पार्टी को चुनाव में नुकसान पहुंचाएंगे।
जबाव- देखिए, विपक्षी दलों के पास कोई और मुद्दा नहीं है। आम आदमी पार्टी पर अटैक करने से ज्यादा है आप अपनी उपलब्धियां गिनवाएं। आपके पास आज की तारीख में मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं है। दोनों पार्टियों के पास दस सालों में गिनाने को कुछ नहीं है। मतलब कांग्रेस और भाजपा ने अपना कोई संगठन बनाया ही नहीं। वे खुद परेशान हैं।
सवाल- भाजपा लोकसभा की सातों सीटें कैसे जीत गई?
जबाव- लोकसभा का चुनाव अलग होता है, विधानसभा का अलग। दोनों में जमीन-आसमान का अंतर होता है और आम आदमी पार्टी अपने काम से जानी जाती है। आईएनडीआईए गठबंधन के साथ एनडीए चुनाव लड़ रहा था। दोनों चुनावों में मतदाताओं का अपना नजरिया होता है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस आम आदमी पार्टी काे समर्थन दे रही है। उद्धव ठाकरे भी समर्थन दे रहे हैं।
सवाल- आपके पिता को टिकट मिला तो उन्होंने वापस कर दिया जिसके बाद पार्टी ने आपको उम्मीदवार बना दिया। इसके पीछे कोई ठोस वजह?
जबाव- कोई वजह नहीं थी। यह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का फैसला था। पहले उनका नाम आगे था। उन्होंने कहा मैं राष्ट्रीय राजनीति की तरफ जाऊंगा। वह छह बार से विधायक हैं और मैं पिछले पंद्रह सालों से निगम पार्षद हूं। उप महापौर की ज़िम्मेदारी भी मैंने निभाई। अरविंद केजरीवाल ने चर्चा के बाद यह जिम्मेदारी मुझे दी।