दिल्ली की मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी की कालकाजी विधानसभा सीट से उम्मीदवार आतिशी (Atishi) ने पंजाब केसरी / नवोदय टाइम्स के लिए अकु श्रीवास्तव, आशुतोष त्रिपाठी, मुकेश गुप्ता से विशेष बातचीत की है।
पेश है विशेष साक्षात्कार के कुछ अंश......
Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली की मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी की कालकाजी विधानसभा सीट से उम्मीदवार आतिशी (Atishi) ने पंजाब केसरी / नवोदय टाइम्स के लिए अकु श्रीवास्तव, आशुतोष त्रिपाठी, मुकेश गुप्ता से विशेष बातचीत की है।
पेश है विशेष साक्षात्कार के कुछ अंश......
सवाल- आपने और आपकी सरकार ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो बदलाव किए, उस पर लोग चर्चा करते हैं। लोग जानना चाहते हैं कि इस बदलाव की शुरुआत कैसे हुई और आगे की योजनाएं क्या हैं?
जवाब- पहले सरकारी स्कूलों की स्थिति बहुत खराब थी। समाज में एक विभाजन था। जो लोग संपन्न थे, वे अपने बच्चों को अच्छे निजी स्कूलों में भेजते थे, जबकि गरीब परिवारों के बच्चों को टूटे-फूटे सरकारी स्कूलों में भेजा जाता था। इसके परिणामस्वरूप शिक्षा में असमानता होती थी। हम इस असमानता को खत्म करना चाहते थे। 2015 में जब हम सरकार में आए, तो सबसे पहला कदम था शिक्षा के बजट को बढ़ाना। हमने शिक्षा का बजट 5,000 करोड़ से बढ़ाकर 10,000 करोड़ किया और शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करना शुरू किया। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों के परिणाम निजी स्कूलों से बेहतर हो गए हैं और हजारों बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। सरकारी स्कूल के बच्चे जेईई व नीट का एग्जाम पास करके इंजीनियरिंग काॅलेज में दाखिला ले रहे हैं। दिल्ली इकलौता राज्य है जहां चार लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़ सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है। जबकि पूरे देश में उल्टा ट्रेंड है कि सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं। हम अखबारों में पढ़ते हैं कि गुजरात में एक हजार सरकारी स्कूल बंद हो गए, मध्य प्रदेश में 5 हजार सरकारी स्कूल बंद हो गए। लेकिन हम हर हफ्ते नया स्कूल खोल रहे हैं। दिल्ली में यह बहुत बड़ा बदलाव आया है कि लोगों को सरकारी स्कूल के प्रति विश्वास बढ़ा है।
सवाल- दिल्ली में सरकारी स्कूलों का सिस्टम बेहतर हुआ है, लेकिन इस बदलाव को अन्य राज्य क्यों नहीं लागू कर पा रहे?
जवाब- दिल्ली के अलावा पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा पर ध्यान दिया है। बाकी राज्यों में यह बदलाव राजनीतिक इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। अगर सरकार की इच्छा हो, तो यह बदलाव हर राज्य में संभव है। दिल्ली में हम शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की ट्रेनिंग पर फोकस कर रहे हैं। अगर दूसरी सरकारों की नीयत ठीक हो तो वे भी ऐसा कर सकते हैं। अन्य राज्यों में इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि यह चेंज एक राजनीतिक इच्छाशक्ति का नतीजा है। नीयत का नतीजा है। आम आदमी पार्टी में स्कूल ठीक करने की, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की नीयत है इसलिए हमने उसी तरह के तरीके निकाले हैं यह कोई राॅकेट साइंस नहीं है। हमने क्या किया, हमने स्कूलों की अच्छी बिल्डिंगें बनाईं, सफाई व्यवस्था को ठीक किया, पीने का पानी दिया, शौचालय साफ किए, कम्प्यूटर लैब बनवाईं। हमने शिक्षकों को अच्छी ट्रेनिंग दी और उनको सम्मान दिया। उनकी नीयत नहीं करने की है, अगर वे करना चाहें तो यह बदलाव हर राज्य में होगा।
सवाल- आगामी विधानसभा चुनावों में आपको कैसा माहौल दिख रहा है और दिल्ली में सरकार फिर से बनी तो आपकी क्या योजनाएं होंगी?
जवाब- दिल्ली के लोग अरविंद केजरीवाल से प्यार करते हैं। हमारे 10 साल के कार्यकाल में दिल्ली में बहुत बदलाव आए हैं। घर-घर पेयजल पहुंच रहा है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है और मोहल्ला क्लीनिक में इलाज मिल रहा है। दिल्ली के लोग समझते हैं कि यह सब कार्य अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार ने किए हैं और इसलिए वे आम आदमी पार्टी को वोट देंगे। दिल्ली के आम नागरिक खुश हैं। दिल्ली के आम लोगों की जिंदगी में परिवर्तन हुआ है। लोगों को पता है कि अगर दिल्लीवालों के लिए किसी नेता ने काम किया है तो वे अरविंद केजरीवाल हैं।
सवाल- शिक्षा के क्षेत्र में क्या अगले 5-10 वर्षों में नई योजनाएं क्या हैं? जिनको आप खास मानती हैं?
जवाब- हम शिक्षा के क्षेत्र में उद्यमिता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारे स्कूलों में अब उद्यमिता के पाठ्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र सिर्फ नौकरी तलाशने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें। इस प्रयास को हम विश्वविद्यालयों तक पहुंचाना चाहते हैं, जिससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
सवाल- दिल्ली में रोजगार के अवसर क्या बेहतर हो रहे हैं और क्या अन्य राज्यों से दिल्ली में फर्क है?
जवाब- दिल्ली में अन्य राज्यों की तुलना में रोजगार के अवसर ज्यादा हैं। लेकिन, दिल्ली की एक और जिम्मेदारी है, यह देश की राजधानी है। यहां हमें देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना है। हमारे यहां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए जो कदम उठाए गए हैं, वे अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं। दस साल पहले देश में ऐसा मानना था कि सरकार स्कूल नहीं चला सकती, लेकिन आम आदमी पार्टी व अरविंद केजरीवाल ने करके दिखाया। आज पूरे देश में उस बात का असर है। मोहल्ला क्लीनिक आज एक मॉडल है। दुनियाभर में मोहल्ला क्लीनिक की चर्चा होती है। दिल्ली एक थॉट लीडर बनी है। जहां तक रोजगार की बात है तो हम अपने युवाओं को जॉब सीकर्स नहीं जॉब क्रिएटर बनाना चाहते हैं। मुझे लगता है कि दिल्ली इसमें भी सभी से आगे रहेगी।
सवाल- बीजेपी द्वारा आलोचना और आप के प्रयासों पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में आप क्या कहेंगी?
जवाब- आम आदमी पार्टी वाले अपने हाथों में संघर्ष की रेखा लिखाकर आए हैं। हर तरह से संघर्ष कर रहे हैं हम लोग। मैं बीजेपी के किसी राज्य के सीएम को चुनौती देती हूं कि जो फुल स्टेट चलाते हैं और पूरी पावर के साथ चलाते हैं। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने पिछले दस साल में जो कार्य किए हैं वह किसी ने नहीं किए। बीजेपी के पास बहुत संसाधन हैं, लेकिन हम अपने काम के माध्यम से लोगों को दिखा रहे हैं कि हमने दिल्ली की तस्वीर बदल दी है। चाहे वह बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य या अन्य बुनियादी सुविधाएं हों। हमने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का काम किया है। जबकि बीजेपी अपने आलोचनाओं और प्रचार में उलझी हुई है, हम असल में काम कर रहे हैं।
सवाल- आप मोहल्ला क्लीनिक व स्कूलों की बात करती हैं, मगर बीजेपी शीशमहल की बात करती है?
जवाब- हमारे पास काम है और विजन है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पास न काम है और न ही विजन है। उनके पास एक ही काम है कि एक प्रेस काॅन्फ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल को गाली दो, दूसरी प्रेस काॅन्फ्रेंस में आतिशी को गाली दो, हर समय वे अरविंद केजरीवाल को गाली देने का ही काम करते हैं। दस साल में इसके अलावा उन्होंने दिल्ली के लिए क्या काम किया है। हम तो छोटी सरकार हैं वे तो केंद्र में बैठे हैं। वे आंध्र प्रदेश व बिहार को हजारों करोड़ का पैकेज देते हैं और दिल्ली में दस साल बाद प्रधानमंत्री ने महज तीन कॉलेजों का शिलान्यास किया है। अभी तो सिर्फ पत्थर रखा है, दो तीन सालों में काॅलेज बनेगा और दो-तीन साल में उसमें टीचर आएंगे तो दस साल में आपने दिल्लीवालों के लिए कोई काम ही नहीं किया। वे न ही कोई विजन सामने रख रहे हैं। आम आदमी पार्टी तो अपना विजन बता रही है कि हम महिलाओं के लिए और छात्रों के लिए काम करेंगे। यह चुनाव दो तरह की राजनीति करने वालों का है, एक पढ़े-लिखे काम करने वालों की राजनीति का तो दूसरा गाली-गलौज करने वालों की राजनीति का।
सवाल- महिला सम्मान योजना की जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब- महिलाओं को अपने छोटे-छोटे खर्चों के लिए हमेशा पुरुषों के सामने हाथ फैलाना पड़ता है। जब एक महिला के पास आत्म-सम्मान और आत्मनिर्भरता होती है तो उसकी स्थिति में सकारात्मक बदलाव आता है। दिल्ली सरकार ने महिलाओं को 2,100 रुपए की सम्मान राशि देने का फैसला किया है जो उनके आत्मसम्मान को बढ़ाता है और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाता है।
सवाल- बांटने की राजनीति का जो विस्तार किया जा रहा है इसे कैसे देखती हैं और जब अन्य राज्यों के लिए होगा तो क्या स्थिति होगी ?
जवाब- हमारी सरकार ने दिल्ली में मुनाफे की सरकार चलाई है, जबकि बीजेपी अपने राज्य में बड़े पैमाने पर अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचा रही है। दिल्ली में हम बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सेवाएं मुफ्त दे रहे हैं, फिर भी मुनाफे में चल रहे हैं, जबकि अन्य राज्य अपनी जनता की जरूरतों को नजरअंदाज कर रहे हैं। दिल्ली की इकलौती सरकार है जो मुनाफे में चलती है। हम बिजली व पानी फ्री देते हैं, स्कूल में अच्छी शिक्षा, मोहल्ला क्लीनिक में इलाज फ्री दे रहे हैं। फिर भी मुनाफे की सरकार चलाते हैं। अन्य राज्यों में सरकार चलाने वाले अपनी जेब में पैसा डालते हैं। अपने उद्योगपति दोस्तों की जेबों में लाखों करोड़ रुपए डाल रहे हैं। हम ईमानदारी से सरकार चलाते हैं यही कारण है कि हमने दिल्ली का राजस्व बढ़ाया है। 2014-15 में दिल्ली का कुल बजट 30 हजार करोड़ था, लेकिन इस साल दिल्ली का बजट 77 हजार करोड़ है। यानी ढाई गुना ज्यादा बजट को बढ़ाया है। यह तब है जब दिल्ली को केंद्र से एक रुपए नहीं मिलता है। लेकिन दिल्ली वाले दो लाख करोड़ टैक्स देते हैं। केंद्र सरकार, उसमें हमें कुछ नहीं देती है तो कुछ न मिलने पर भी अरविंद केजरीवाल की सरकार ने मुनाफे की सरकार चलाई है।
सवाल- रिपब्लिक डे की परेड में दिल्ली की झांकी का शामिल न होना क्या बीजेपी की राजनीति का हिस्सा है, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब- दिल्ली को परेड की झांकियों में स्थान नहीं देना तुच्छ राजनीति है। दिल्ली देश की राजधानी है और इसकी झांकी को इस तरह से नजरअंदाज करना बहुत छोटी मानसिकता को दर्शाता है। दिल्ली की संस्कृति और इसके गर्व को इस तरह से नुकसान पहुंचाना उचित नहीं है।
सवाल- राजनीति को आप किस तरह से देखती हैं?
जवाब- हम राजनीति में काम करने के लिए आए हैं। हमें लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने का अवसर मिला है और हम इसे सही तरीके से निभा रहे हैं। राजनीति शतरंज का खेल नहीं है बल्कि यह जनता के लिए काम करने का एक अवसर है। हम अपने काम से बदलाव ला रहे हैं और आगे भी इसे जारी रखेंगे।
सवाल- इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
जवाब- विपक्ष के पास संसाधन, हमारे पास काम...
जो हमारे सामने चुनाव लड़ रहे हैं उनके पास असीमित संसाधन हैं। उनके पास केंद्र सरकार की सारी एजेंसियां हैं। उनके पास सारी चुनावी मशीनरी है। प्रवेश वर्मा जूते बांट रहे हैं, गोल्ड बांट रहे हैं और बेडशीट बांट रहे हैं, लेकिन उनपर कोई एक्शन नहीं हो रहा है। उनके पास इतनी मनी पावर है कि जितना सारा पैसा हम पूरे चुनाव में खर्च करते हैं, बीजेपी एक दिन में खर्च कर देती है। हमारे पास अपने काम की ताकत है।