Edited By Harman Kaur,Updated: 02 Apr, 2025 01:44 PM
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की दिल्ली इकाई ने बुधवार को विजय चौक और रेल भवन चौराहे पर वक्फ (संशोधन) विधेयक के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए प्रदर्शन किया। इस विधेयक को आज लोकसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किया गया है।
नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की दिल्ली इकाई ने बुधवार को विजय चौक और रेल भवन चौराहे पर वक्फ (संशोधन) विधेयक के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए प्रदर्शन किया। इस विधेयक को आज लोकसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किया गया है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने तख्तियां उठाई थीं, जिन पर लिखा था, "वक्फ विधेयक में पिछड़े मुसलमानों का हिस्सा सुनिश्चित करने के लिए मोदी जी का धन्यवाद।" इस प्रदर्शन में भाजपा नेता सचदेवा ने कहा कि इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य गरीब मुसलमानों का उत्थान करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। उनका कहना था, "यह विधेयक उन लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करेगा, जिनके अधिकार अनुचित तरीके से छीने गए हैं।"
सचदेवा ने विधेयक के विरोधियों से सवाल किया कि वे क्यों उस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, जो समुदाय के कल्याण के लिए तैयार किया गया है। वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन करने के लिए विधेयक में 1995 के वक्फ अधिनियम में बदलाव की बात की गई है। इसके तहत, मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों का वक्फ बोर्ड में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रावधान है।
विधेयक के अनुसार, यह वर्तमान कानून की धारा 40 को हटाने की कोशिश करेगा, जिसके तहत यह तय किया जाता है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं। इसके अलावा, केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की संरचना को भी व्यापक बनाने का प्रस्ताव है। बोहरा और आगाखानी समुदाय के लिए अलग वक्फ बोर्ड बनाने की बात भी की गई है।
विधेयक में मुसलमानों के विभिन्न वर्गों जैसे शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी और अन्य पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का भी प्रावधान है। साथ ही, वक्फ (संशोधन) विधेयक के तहत इस अधिनियम का नाम बदलकर "एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995" करने का भी प्रस्ताव है। लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया गया है। जहां सरकार इसे पारित कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है, वहीं विपक्ष इसे असंवैधानिक बताते हुए इसकी आलोचना कर रहा है।