Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Feb, 2024 07:36 AM
किसान आंदोलन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना पहला बयान देते हुए कहा कि प्रदर्शन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उधर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगी दिल्ली की सीमाओं को सीमेंट ब्लॉकों, खंभों और भारी बैरिकेडिंग से मजबूत कर दिया गया है।
नेशनल डेस्क: किसान आंदोलन के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना पहला बयान देते हुए कहा कि प्रदर्शन से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उधर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगी दिल्ली की सीमाओं को सीमेंट ब्लॉकों, खंभों और भारी बैरिकेडिंग से मजबूत कर दिया गया है। आज दिल्ली चलो मार्च के हिस्से के रूप में अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए हजारों किसान मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं। सोमवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा रही जिसके बाद उन्होंने विरोध जारी रखने का फैसला किया। किसानों की सबसे प्रमुख मांग फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए एक कानून लाना है।
जैसे ही किसान अपने विरोध मार्च के हिस्से के रूप में दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं, सीमाओं पर भारी सुरक्षा और बैरिकेडिंग के कारण राष्ट्रीय राजधानी को पड़ोसी राज्यों और एनसीआर से जोड़ने वाली कई प्रमुख सड़कों पर यातायात को अन्य प्रतिबंधों के बीच डायवर्ट कर दिया गया है। बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में सीआरपीसी धारा 144 भी लगाई गई है।