Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Sep, 2024 01:52 PM
दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज और उनके दो भाइयों, अशोक और अर्जुन, के खिलाफ रेप, अननैचुरल सेक्स (अप्राकृतिक यौन संबंध), और आपराधिक धमकी के आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला एक महिला की शिकायत से जुड़ा है, जिसने आरोप लगाया कि दाती महाराज और...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा मदनलाल उर्फ दाती महाराज और उनके दो भाइयों, अशोक और अर्जुन, के खिलाफ रेप, अननैचुरल सेक्स (अप्राकृतिक यौन संबंध), और आपराधिक धमकी के आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला एक महिला की शिकायत से जुड़ा है, जिसने आरोप लगाया कि दाती महाराज और उनके भाइयों ने अपने आश्रम में उसके साथ दुष्कर्म किया। अदालत ने जांच के बाद दाती महाराज और उनके भाइयों के खिलाफ आरोप तय किए हैं, जबकि उनके एक अन्य भाई अनिल को आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
अदालत का फैसला
दिल्ली की एडिशनल सेशन जज नेहा (स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने दाती महाराज उर्फ मदन लाल राजस्थानी और उनके भाइयों के खिलाफ IPC की धारा 376 (बलात्कार), धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय किए हैं। अभियोजन पक्ष को 18 अक्टूबर को अदालत में सबूत पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
मामले का इतिहास
यह मामला 2018 में तब दर्ज हुआ जब पीड़िता ने 7 जून को दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता ने दाती महाराज पर दिल्ली और राजस्थान स्थित आश्रमों में बलात्कार करने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने 11 जून 2018 को प्राथमिकी दर्ज की और मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। 1 अक्टूबर 2018 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह 10 साल से दाती महाराज की अनुयायी थी। 9 फरवरी 2016 को वह दाती महाराज की चरण सेवा करने उनके पास गई थी। महाराज की एक सेविका श्रद्धा उसे दिल्ली स्थति शनि धाम ले गई थी। वहां चरण सेवा कराने के बहाने उसे सफेद रंग के कपड़े पहनाए गए। जिसके बाद उसे एक कमरे में ले जाया गया। वहां दाती महाराज था, जिसने उससे कहा कि मैं तुम्हे मोक्ष दिलाऊंगी, सत्य की राहत दिखाऊंगा, तुम्हारी वासना खत्म कर दूंगा। इसके बाद वह और उसके भाई चरण सेवा के नाम पर उसका यौन शोषण करते रहे। तंग आकर साल 2016 में वह आश्रम से भाग गई। उस समय वह डिप्रेशन में थी, जिससे उबरने के बाद उसने पुलिस को शिकायत दी।
CBI को सौंपी गई जांच
दिल्ली हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2018 में यह मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था, क्योंकि पुलिस की जांच पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद सीबीआई ने 26 अक्टूबर 2018 को एक नई प्राथमिकी दर्ज की और बाद में 2020 में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें नए साक्ष्य और जांच के निष्कर्ष पेश किए गए थे। अब दाती महाराज और उनके भाइयों को अदालत में मुकदमे का सामना करना होगा।