Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Feb, 2025 11:31 AM
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दिल्ली-एनसीआर में 17 फरवरी, 2025 की सुबह फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 5:36 बजे दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, हालांकि, कोई नुकसान या चोट की खबर नहीं आई। भूकंप...
नेशनल डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में 17 फरवरी, 2025 की सुबह फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह करीब 5:36 बजे दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, हालांकि, कोई नुकसान या चोट की खबर नहीं आई। भूकंप का केंद्र दिल्ली से कुछ किलोमीटर की दूरी पर था, और इसकी गहराई करीब 5 किलोमीटर बताई गई।
दिल्ली में भूकंप के झटकों की वजह
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बार-बार भूकंप के झटके क्यों आते हैं, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण है दिल्ली का भूकंपीय ज़ोन IV में स्थित होना। भारतीय भूविज्ञान संस्थान के अनुसार, दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र हिमालयी क्षेत्र के निकट स्थित हैं। यहां भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराने से भूकंप की घटनाएं होती रहती हैं। यह टक्कर पिछले 50 मिलियन सालों से चल रही एक निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो वे ऊर्जा को संचित करती हैं और जब यह ऊर्जा मुक्त होती है तो भूकंप आता है।
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भूकंपीय ज़ोन IV और दिल्ली का उच्च जोखिम
भारत के भूकंपीय ज़ोनिंग मानचित्र में दिल्ली को भूकंपीय ज़ोन IV में रखा गया है। इसका मतलब है कि यहां भूकंप के झटके आम हो सकते हैं, जिनकी तीव्रता 5-6 तक हो सकती है। कभी-कभी तीव्रता 6-7 और 7-8 तक भी पहुंच सकती है। यही वजह है कि दिल्ली में भूकंप के झटके समय-समय पर महसूस होते रहते हैं। दिल्ली का क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय है, और इस वजह से यहां के निवासी भूकंप से बचाव के उपायों के लिए जागरूक रहते हैं।
दिल्ली में भूकंप के इतिहास
दिल्ली में भूकंपों का इतिहास बहुत पुराना है। 1720 से अब तक दिल्ली और इसके आस-पास 5.5 से 6.7 तीव्रता के पांच बड़े भूकंप आ चुके हैं। इनमें से कुछ भूकंप तो दिल्ली-हरिद्वार रिज और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट के कारण हुए थे। इन दो प्रमुख फॉल्ट लाइनों में इतनी ताकत है कि ये दिल्ली क्षेत्र में भी 7-8 तक के भूकंप उत्पन्न कर सकती हैं। इन फॉल्ट लाइनों से निकलने वाले भूकंप सामान्य रूप से 30 किलोमीटर की गहराई पर होते हैं, जिससे काफी नुकसान हो सकता है।
भूकंप से बचाव के उपाय और जागरूकता
दिल्ली में भूकंप के झटकों को देखते हुए, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने लोगों को भूकंप से बचाव के उपायों के लिए जागरूक किया है। भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थान पर शरण लेना और भवनों की संरचना को मजबूत करना महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही, आपदा प्रबंधन की टीम द्वारा समय-समय पर भूकंप के बारे में जानकारी और बचाव के उपायों पर अभियान चलाए जाते हैं।