Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 14 Jan, 2025 12:38 PM
दिल्ली सरकार ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के खिलाफ एक बार फिर विरोध दर्ज कराया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर यह दावा किया है कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करना दिल्ली में पहले से मौजूद योजनाओं को...
नेशनल डेस्क : दिल्ली सरकार ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के खिलाफ एक बार फिर विरोध दर्ज कराया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर यह दावा किया है कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करना दिल्ली में पहले से मौजूद योजनाओं को कमज़ोर करने जैसा होगा। सरकार का कहना है कि दिल्ली आरोग्य कोष (DAK) योजना अधिक व्यापक और प्रभावशाली है, जिससे राजधानी के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।
आयुष्मान भारत योजना का विरोध जोरो पर
दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि केंद्र की आयुष्मान भारत योजना, जिसे पीएम-जेएवाई (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) भी कहा जाता है, सिर्फ दिल्ली की सीमित आबादी को लाभ पहुंचाएगी। AAP सरकार का तर्क है कि इस योजना के तहत दिल्ली की केवल 12 से 15 प्रतिशत आबादी ही कवर हो सकेगी, जो कि राजधानी की कुल जनसंख्या का बहुत छोटा हिस्सा है। वहीं, दिल्ली आरोग्य कोष योजना का दावा है कि यह योजना कहीं अधिक व्यापक और प्रभावशाली है, जो पूरी दिल्ली की जनता के लिए लाभकारी है।
क्या DAK योजना की मजबूती ज्यादा?
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि दिल्ली आरोग्य कोष योजना से न केवल दिल्लीवासियों को, बल्कि राजधानी के बाहर से आने वाले मरीजों को भी इलाज की सुविधा मिलती है। इस योजना के तहत दिल्ली के सभी सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। दिल्ली सरकार ने बताया कि उनकी योजना पूरी तरह से पारदर्शी है और ज्यादा प्रभावी है, क्योंकि यह दिल्ली के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों का नेटवर्क कैसा?
दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि राजधानी में मौजूद सरकारी अस्पतालों का नेटवर्क अत्यधिक मजबूत है। AAP सरकार का कहना है कि दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले 30% से अधिक मरीज पड़ोसी राज्यों से आते हैं। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि दिल्ली के अस्पतालों में उपलब्ध इलाज, आयुष्मान भारत योजना के तहत दूसरे राज्यों में मिलने वाली सुविधाओं से कहीं बेहतर है।
भाजपा सांसदों का विरोध जारी
इस बीच, दिल्ली के सभी भाजपा सांसदों ने एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने हाई कोर्ट से मांग की है कि वह दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत योजना को लागू करने का निर्देश दे। भाजपा सांसदों का तर्क है कि दिल्ली में भी इस योजना का लाभ मिलना चाहिए, जैसा कि बाकी राज्यों में हो रहा है।
उच्च न्यायालय का आदेश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले महीने केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वे 5 जनवरी तक आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करें। अदालत ने यह भी कहा था कि जब 33 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पहले ही इस योजना को लागू कर चुके हैं, तो दिल्ली में इसे लागू न करना अनुचित होगा।
दिल्ली सरकार का तर्क क्या है?
दिल्ली सरकार ने कोर्ट में यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना से मिलने वाला लाभ सीमित रहेगा, जबकि दिल्ली आरोग्य कोष योजना का प्रभाव ज्यादा होगा। सरकार का कहना है कि यह योजना न केवल दिल्ली की जनता के लिए लाभकारी है, बल्कि यह राज्य के अस्पतालों के नेटवर्क को भी बेहतर बनाती है।