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Delhi Elections 2025: वोटिंग प्रतिशत से खुलेंगे परिणाम के राज, जानें दिल्ली की 10 अहम सीटों का हाल

Edited By Mahima,Updated: 06 Feb, 2025 09:56 AM

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 60.44 प्रतिशत मतदान हुआ। नई दिल्ली, कालकाजी, पटपड़गंज जैसे वीआईपी सीटों पर वोटिंग प्रतिशत का विश्लेषण किया गया है। मतदान के आंकड़े चुनाव के परिणामों का संकेत देते हैं। AAP, बीजेपी और कांग्रेस के बीच जंग को लेकर विभिन्न...

नेशनल डेस्क: दिल्ली में बुधवार, 5 फरवरी 2025 को हुए विधानसभा चुनाव में कुल 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ। चुनाव आयोग द्वारा रात 11 बजकर 30 मिनट पर अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कुल 60.44 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हालांकि, विभिन्न क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत में भिन्नताएं देखी गईं। सबसे ज्यादा मतदान 66.25 प्रतिशत उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुआ, जबकि सबसे कम मतदान 56.16 प्रतिशत दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में दर्ज किया गया।

विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार मतदान प्रतिशत:
- मुस्तफाबाद: यहां 69 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि सबसे ज्यादा था।
- महरौली: इस क्षेत्र में सबसे कम 53.04 प्रतिशत मतदान हुआ।
- शाहदरा: यहां 63.94 प्रतिशत मतदान हुआ।
- दक्षिण-पश्चिम दिल्ली: मतदान प्रतिशत 61.09 प्रतिशत रहा।
- उत्तर-पश्चिम दिल्ली: इस क्षेत्र में 60.70 प्रतिशत मतदान हुआ।
- उत्तरी दिल्ली: मतदान प्रतिशत 59.55 प्रतिशत रहा।
- मध्य दिल्ली: यहां 59.09 प्रतिशत वोट पड़े।
- दक्षिण-पूर्व दिल्ली: इस क्षेत्र में 56.26 प्रतिशत मतदान हुआ।

वीआईपी सीटों पर मतदान का हाल:
दिल्ली की कुछ वीआईपी सीटों पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया गया है, क्योंकि ये सीटें दिल्ली के चुनावी समीकरणों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन सीटों पर विभिन्न दलों के प्रमुख नेता चुनाव मैदान में हैं।

1. नई दिल्ली
   नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (AAP) का मुकाबला बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। यहां 56.41 प्रतिशत मतदान हुआ। इस सीट पर अरविंद केजरीवाल की साख दांव पर है, क्योंकि यह उनकी पार्टी की प्रमुख सीट मानी जाती है।

2. कालकाजी
   कालकाजी सीट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी (AAP) चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा से है। इस सीट पर 54.59 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां पर कड़ा मुकाबला हो सकता है, क्योंकि आतिशी की लोकप्रियता के साथ-साथ विपक्षी दल भी अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं।

3. पटपड़गंज
   पटपड़गंज सीट पर अवध ओझा (AAP) मैदान में हैं। इस सीट पर 60.70 प्रतिशत मतदान हुआ है। यह सीट भी AAP के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से पार्टी के उम्मीदवार को अच्छा समर्थन मिल सकता है।

4. जंगपुरा 
   जंगपुरा सीट पर मनीष सिसोदिया (AAP) चुनाव लड़ रहे हैं। यहां 57.42 प्रतिशत मतदान हुआ। सिसोदिया के लिए यह चुनावी लड़ाई काफी अहम होगी, क्योंकि उनकी छवि पर भी लोगों की प्रतिक्रिया का असर हो सकता है।

5. ग्रेटर कैलाश
   ग्रेटर कैलाश सीट पर सौरभ भारद्वाज (AAP) चुनावी मैदान में हैं। यहां 54.50 प्रतिशत मतदान हुआ। यह सीट भी दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल है, और इस पर कोई भी दल जीत सकता है।

6. करावल नगर
   करावल नगर सीट पर बीजेपी के कपिल मिश्रा चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 64.44 प्रतिशत मतदान हुआ है। कपिल मिश्रा के लिए यह सीट एक बड़ी चुनौती बन सकती है, क्योंकि आम आदमी पार्टी और अन्य दलों से कड़ी टक्कर मिल सकती है।

7. मुस्तफाबाद
   इस सीट पर 69 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि सभी सीटों में सबसे अधिक है। यहां से एआईएमआईएम के ताहिर हुसैन चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र मानी जाती है, और ताहिर हुसैन को इस क्षेत्र में समर्थन मिल सकता है।

8. ओखला
   ओखला सीट पर आम आदमी पार्टी के अमानतुल्लाह खान चुनाव लड़ रहे हैं। यहां 54.90 प्रतिशत मतदान हुआ। ओखला में AAP की मजबूत पकड़ है, और इस सीट पर पार्टी को अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है।

9. शकूर बस्ती
   शकूर बस्ती सीट पर AAP के सत्येंद्र जैन चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर 63.56 प्रतिशत मतदान हुआ। सत्येंद्र जैन को ओखला और आसपास के क्षेत्रों से मजबूत समर्थन मिल सकता है, जो उनकी जीत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

10. नजफगढ़
   नजफगढ़ सीट पर AAP के पूर्व विधायक और मंत्री कैलाश गहलोत चुनाव लड़ रहे हैं। यहां 64.14 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस सीट पर बीजेपी और AAP दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है।

2020 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले मतदान प्रतिशत
2020 के विधानसभा चुनावों में दिल्ली में 62.59 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें AAP ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 8 सीटों पर विजय मिली थी। इस बार के चुनावों में एग्जिट पोल्स के मुताबिक, AAP की स्थिति कुछ कमजोर हुई है और बीजेपी के मुकाबले बढ़त हासिल करने का अनुमान लगाया गया है। कांग्रेस की स्थिति फिर से पिछड़ी हुई दिख रही है, और वह पिछली बार की तरह इस बार भी हार सकती है।इस बार के चुनाव में कुल 1.56 करोड़ मतदाता हैं और इस चुनाव का परिणाम दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। चुनाव परिणामों से पहले वोटिंग के आंकड़े यह संकेत देते हैं कि किस क्षेत्र में किस पार्टी को किस तरह का समर्थन मिल रहा है। जैसे-जैसे मतदान के आंकड़े अपडेट हो रहे हैं, दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे दिल्ली की भविष्यवाणी को प्रभावित कर सकते हैं।

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