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Delhi Elections: PM मोदी पर AAP ने उठाए सवाल, महाकुंभ स्नान को लेकर कही ये बड़ी बात

Edited By Mahima,Updated: 04 Feb, 2025 05:12 PM

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दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होने के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ स्नान करने पर AAP ने आरोप लगाया है कि बीजेपी चुनावी लाभ के लिए धार्मिक आयोजनों का इस्तेमाल कर रही है। AAP ने कहा कि केजरीवाल 5 फरवरी के बाद महाकुंभ जाएंगे, लेकिन वह चुनावी...

नेशनल डेस्क: दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने जा रहे हैं, लेकिन इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयागराज में महाकुंभ स्नान करने के फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रधानमंत्री के इस कदम को चुनावी रणनीति का हिस्सा बताते हुए आरोप लगाया है कि बीजेपी धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।

चुनावी लाभ के लिए धार्मिक आयोजन का इस्तेमाल
AAP के प्रवक्ता अनुराग ढांडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ स्नान को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे चुनावी रणनीति के तौर पर देखा। उन्होंने कहा, "दिल्ली में जब मतदान हो रहा होगा, तब प्रधानमंत्री मोदी महाकुंभ स्नान करेंगे। यह साफ तौर पर एक सोची-समझी योजना प्रतीत होती है, क्योंकि यह दिन चुनावी दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है।" ढांडा ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल कर रही है और यह एक तरह से धार्मिक भावनाओं का दोहन है।

क्या अरविंद केजरीवाल भी जाएंगे महाकुंभ?
जब एबीपी न्यूज ने अनुराग ढांडा से पूछा कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी महाकुंभ स्नान करने जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि केजरीवाल 5 फरवरी के बाद अपने परिवार के साथ महाकुंभ जाने का प्लान बना रहे हैं। हालांकि, उनका यह भी कहना था कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी की तरह इस धार्मिक आयोजन का चुनावी लाभ उठाने के लिए नहीं जाएंगे। ढांडा ने यह स्पष्ट किया कि केजरीवाल का महाकुंभ जाने का उद्देश्य धार्मिक श्रद्धा है, न कि राजनीतिक फायदा।

हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए प्रयागराज आते हैं। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है, और यह आयोजन भारतीय समाज में गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता रखता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह आयोजन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन, चुनावी माहौल में महाकुंभ जैसे आयोजनों में नेताओं की भागीदारी राजनीतिक चर्चा का विषय बन जाती है। अतीत में भी कई चुनावों में देखा गया है कि बड़े नेता धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं, और विपक्षी पार्टियां इस पर आरोप लगाती रही हैं कि वे धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। खासकर बीजेपी पर यह आरोप लगता रहा है कि वह धार्मिक आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर चुनावी फायदा हासिल करने की कोशिश करती है। ऐसे में पीएम मोदी का महाकुंभ जाना भी एक नए विवाद का कारण बन सकता है।

क्या चुनाव आयोग इस पर प्रतिक्रिया देगा?
AAP का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में मतदान के लिए कुछ ही घंटे बाकी हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या चुनाव आयोग पीएम मोदी के महाकुंभ जाने को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए किसी कार्रवाई पर विचार करेगा या नहीं। चुनाव आयोग चुनावी समय में धार्मिक आयोजन और नेताओं की भागीदारी पर कड़ी नजर रखता है ताकि कोई भी पक्ष आचार संहिता का उल्लंघन न करे।बीजेपी की ओर से फिलहाल इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन, दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर यह मामला और बढ़ सकता है, और आने वाले दिनों में इस पर और चर्चा हो सकती है। बीजेपी इस आरोप का जवाब दे सकती है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का चुनावी परिणाम पर क्या असर पड़ता है।

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