Edited By Rahul Rana,Updated: 25 Dec, 2024 12:47 PM
दिल्ली में विधानसभा चुनावों का माहौल गर्म हो चुका है। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार की योजनाओं के दम पर मजबूत स्थिति में हैं। वहीं बीजेपी के पास अब तक मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं है जिससे...
नेशनल डेस्क। दिल्ली में विधानसभा चुनावों का माहौल गर्म हो चुका है। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार की योजनाओं के दम पर मजबूत स्थिति में हैं। वहीं बीजेपी के पास अब तक मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा नहीं है जिससे पार्टी की रणनीति सवालों के घेरे में है।
केजरीवाल की लोकप्रियता शिखर पर
पिछले 10 वर्षों में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के बीच गहरी छाप छोड़ी है। उनकी सरकार की योजनाएं जैसे मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य,लोगों को काफी पसंद आई हैं।
दिल्ली की जनता अब यह सवाल पूछ रही है:
'एक तरफ केजरीवाल तो दूसरी ओर कौन?'
बीजेपी ने अब तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। यह पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि केजरीवाल का 'गारंटी मैन' के रूप में मजबूत छवि बन चुकी है।
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केजरीवाल बनाम कौन?
केजरीवाल ने गरीब महिलाएं और मध्यम वर्ग के लिए ऐसी योजनाएं लागू की हैं जो उनके 'वोट बैंक' को मजबूत बनाती हैं। इन योजनाओं ने 'केजरीवाल बैंक' का रूप ले लिया है और बीजेपी के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जो इसे चुनौती दे सके।
बीजेपी की चेहरा-विहीन रणनीति पार्टी को कमजोर बना रही है और 'केजरीवाल बनाम कौन' की इस लड़ाई में फिलहाल केजरीवाल का पलड़ा भारी है।
बीजेपी की कमजोर रणनीति
बीजेपी ने हमेशा 'मोदी बनाम केजरीवाल' की रणनीति अपनाई है। हालांकि यह फॉर्मूला लोकल मुद्दों पर काम नहीं कर रहा। दिल्ली के मतदाता चाहते हैं कि उनके स्थानीय मुद्दों को हल करने वाला नेता हो।
बीजेपी के पास राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नेतृत्व है लेकिन दिल्ली में वह कमजोर नजर आ रही है। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह केजरीवाल के सामने एक मजबूत उम्मीदवार पेश करे।
केजरीवाल: जनता के 'गारंटी मैन'
दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को 'गारंटी मैन' मानती है। उन्होंने जो वादे किए, उन्हें पूरा भी किया।
1. शिक्षा:
सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाया।
शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की।
2. स्वास्थ्य:
मोहल्ला क्लीनिक शुरू किए।
मुफ्त दवा और इलाज की सुविधा दी।
3. बिजली और पानी:
200 यूनिट तक बिजली और 20,000 लीटर पानी मुफ्त।
4. महिलाओं की सुरक्षा:
बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा।
बसों में मार्शल तैनात किए।
5. प्रदूषण नियंत्रण:
'ग्रीन दिल्ली' अभियान।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा।
6. रोजगार:
स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम।
रोजगार पोर्टल शुरू किया।
7. सड़क और परिवहन:
सड़कों और फ्लाईओवर का विकास।
चुनाव नजदीक लेकिन BJP के पास चेहरा नहीं
: दिल्ली विधानसभा चुनाव कभी भी घोषित हो सकते हैं लेकिन बीजेपी ने अब तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नेता का नाम नहीं दिया है।
: अरविंद केजरीवाल ही इस वक्त दिल्ली के सबसे मजबूत नेता के रूप में सामने आ रहे हैं। बीजेपी के पास अब ज्यादा समय नहीं बचा है। अगर पार्टी ने जल्द कोई मजबूत चेहरा नहीं पेश किया तो 'केजरीवाल बनाम कौन' की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी फिर से जीत सकती है।
वहीं दिल्ली चुनाव में मुकाबला बहुत दिलचस्प है। एक तरफ अरविंद केजरीवाल की मजबूत छवि और जनता का विश्वास है तो दूसरी ओर बीजेपी की रणनीति सवालों के घेरे में है। समय तेजी से गुजर रहा है और बीजेपी को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा वरना यह चुनाव केजरीवाल के पक्ष में झुक सकता है।