दिल्ली विधानसभा में सियासी दलों के स्टार प्रचारकों ने अपना पूरा दम झोंक दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी के साथ हुए साक्षात्कार में केजरीवाल सरकार की नाकामियों का खुलासा किया।
Delhi Assembly Election 2025 : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ( Pushkar Singh Dhami) से पंजाब केसरी / नवोदय टाइम्स के लिए अकु श्रीवास्तव और निशांत राघव ने की विशेष बातचीत। पेश हैं विशेष साक्षात्कार के मुख्य अंश...
सवाल- यूसीसी (समान नागरिक संहिता) को लागू करने की दिशा में जो काम हुआ है, उत्तराखंड पहला राज्य हो गया है, क्या वजह रही?
जबाव- उत्तराखंड विधानसभा 2022 के दौरान ही हमने संकल्प लिया था कि सरकार में आने के बाद सबसे पहला निर्णय यूसीसी लागू करने की दिशा में लेंगे। वायदे के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी पर ड्राफ्ट बनाने वाली कमेटी गठित की गई। दो वर्ष में लगभग दो लाख पैंतीस हजार से भी ज्यादा लोगों से सुझाव लिए गए। धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक समूहों से बातचीत के बाद कमेटी ने एक ड्राफ्ट बनाया और सरकार के समक्ष पेश किया। कैबिनेट से पारित होने के बाद मंत्रीमंडल से मंजूरी मिल गई है। हमने उत्तराखंड की जनता से जो वादा किया था, उसे पूरा करेंगे।
सवाल- अब तक हम लव जिहाद तो सुनते रहे हैं, लेकिन आजकल उत्तराखंड में लैंड जिहाद की चर्चा हो रही है?
जबाव- उत्तराखंड देवभूमि है। देवभूमि पर सरकारी और वन विभाग की जमीन पर कई तरह से कब्जा हुआ, अवैध रूप से निर्माण किए गए। इसके खिलाफ कार्रवाई के तहत हमनें करीब साढ़े पांच हजार एकड़ से भी ज्यादा जमीन मुक्त कराई है। हम देवभूमि उत्तराखंड की जमीन पर अवैध कब्जे नहीं होने देंगे और देवभूमि के मूल अस्तित्व को किसी सूरत में खराब नहीं होने देंगे।
सवाल- उत्तराखंड में भू कानून को लेकर भी मांग उठ रही है, क्या मामला है यह?
जबाव- पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में लोगों ने अनाप-शनाप जमीनों की खरीद की है। जमीन जिस प्रयोजन से की गई थी, उन प्रयोजनों में उस जमीन का उपयोग नहीं हुआ है। ऐसी जमीनों की जांच सरकार कर रही है। जांच में जिन जमीनों के बारे में नियम विरुद्ध कार्य होने की जानकारी मिल रही है, उनको सरकार चिंहित कर रही है। जिस काम के लिए जमीन का आवंटन हो, वही काम हो। ताकि लोगों को रोजगार मिले और राज्य के मूल स्वरूप में खिलवाड़ न हो। इससे भूमि की अनाप-शनाप खरीद बंद हो सकेगी। कई लैंड माफिया पहले शिक्षा संस्थान खोलने, होटल, रिजार्ट, अस्पताल के लिए जमीन ले लेते हैं लेकिन बाद में करते कुछ हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसे काम न हो सकें, इसके लिए सशक्त भू कानून उत्तराखंड सरकार लाने जा रही है। इस दिशा में प्रक्रिया चल रही है। राज्य के लोगों से विचार-विमर्श कर रहे हैं। सारे जिलाधिकारी इसमें जुटे हैं।
सवाल- क्या इससे अन्य राज्यों के निवेशकों को कोई दिक्कत तो नहीं होगी?
जबाव- नहीं।जो लोग उद्योग लगाना चाहते हैं,निवेश करना चाहते हैं, रोजगार का सृजन करना चाहते हैं, हमारे राजसव बढाने में योगदान देना चाहते हैं । उनका स्वागत है। निवेश के लिए तीस से अधिक नीतियां भी हमने बनाई हैं।इसी लिए हमने इंवेस्टर्स समिट का आयोजन भी किया था। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आकर हम सभी लोगों के बीच संदेश भी दिया था। दुनियाभर के करीब पचास से भी ज्यादा देशों के लोग उस इंवेस्टर्स समिट में शामिल हुए थे। उनके लिए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत उत्तराखंड में नहीं है। 3 लाख 54 हजार करोड़ के एमओयू हमारे साथ किये हुए हैं। इसमें से 80 हजार करोड़ लगाने के लिए जमीन पर काम भी शुरू हो गया है।
सवाल- रोहिंग्या, अवैध बांग्लादेशी भी उत्तराखंड में अवैध तरीके से बस रहे हैं, इस पर क्या कहेंगे?
जबाव- उत्तराखंड सरकार इन सूचनाओं पर काम भी कर रही है। सभी जिलाधिकारियों को कह दिया गया है, जो अवैध मदरसे हैं और इन मदरसों में जो संदिग्ध लोग हैं, चाहें बांग्लादेशी हों, रोहिंग्या हों या जो भी आएं, उन सभी का सत्यापन जरूर किया जाए।
सवाल- प्रधानमंत्री ने देशवासियों से उत्तराखंड जाने का आह्वान किया था, लोगों में कितना आकर्षण देवभूमि के प्रति बढ़ा है?
जबाव- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 2013 की आपदा के बाद सबसे पहले केदारनाथ गए थे और उन्होंने वहां रात्रि प्रवास किया था। उसके बाद केदारनाथ जाने वालों की संख्या जो इससे पहले करीब एक लाख हुआ करती थी, उसमें काफी इजाफा हुआ। अब केदारनाथ जाने वालों की संख्या लगभग 20 से 22 लाख है। श्रृद्धालु केदारनाथ के दर्शन कर रहे हैं, चार धाम के दर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के आदि कैलाश जाकर पार्वती कुंड के दर्शन किये। पहले वहां बहुत कम लोग जा पाते थे अब वहां इस वर्ष पचास हजार के लगभग लोग पहुंचे हैं। हर बार संख्या बढ़ रही है। चारधाम आने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। पर्यटक आ रहे हैं, तीर्थयात्री आ रहे हैं। हमको तो पूरे साल भर में दस करोड़ से अधिक लोगों का प्रबंधन व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होती हैं।
सवाल- पहली बार उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल होने जा रहा है,खेलों की मेजबानी का यह संकल्प कैसे आपने लिया?
जबाव- इसके लिए पूरी तरह से हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का यह अवसर दिया है। हम इन खेलों के लिए अच्छी तैयारी कर रहे हैं। निश्चित रूप से ऐतिहासिक तौर पर राष्ट्रीय खेल संपन्न होंगे। 28 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के हाथों राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ होगा। करीब दस हजार खिलाड़ी देवभूमि उत्तराखंड आएंगेे। उत्तराखंड के हर सदस्य, माताएं-बहनें, नौजवान व अन्य सभी उन खिलाडिय़ों का स्वागत करेंगे।
सवाल- दिल्ली में चुनाव हो रहे हैं, पहाड़ के लोगों की खासी संख्या है। क्या लगता है चुनाव में क्या स्थिति रहेगी?
जबाव- दिल्ली में देखिये इस बार काफी जगह अब तक जा चुका हूं। लोगों में जिस प्रकार का उत्साह और रुझान दिख रहा है लोग भाजपा प्रत्याशियों की सभाओं में, रोड शो में पहुंच रहे हैं। परिवर्तन की लहर साफ दिख रही है। लोगों को क्योंकि लगता है कि दस साल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जितना काम करना चाहिए था, नहीं किया। आज पूरे देश के अंदर डबल इंजन की सरकारों को लोग महत्व दे रहे हैं।
सवाल- आम आदमी पार्टी का कौन सा पक्ष आपको कमजोर लगता है, जिससे भाजपा को लाभ मिलेगा?
जबाव- आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों से बहुत सारे वादे किए थे, उन्होंने सब कुछ बदल डालने का दम भरा था। विशेषकर, भ्रष्टाचारमुक्त सरकार देने का बड़ा वादा किया था। लेकिन वे बुरी तरह से फेल हो गए। कहा था हम साफ-सफाई देंगे, शुद्ध पेयजल सप्लाई करेंगे, नौजवानों को व अन्य लोगों को रोजगार देंगे, दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करेंगे, यमुना जी को साफ करेंगे लेकिन इनमें से कोई भी काम आम आदमी पार्टी की सरकार ने नहीं किया। बल्कि यहां कभी शराब घोटाला होता है तो कभी दवा घोटाला और कभी शीशमहल का मामला सामने आता है। ये जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। लोगों ने इन्हें दस साल का मौका भी दे दिया, इसलिए अब लोग यहां परिवर्तन चाहते हैं।
सवाल- उत्तराखंड में अवैध कब्जे के खिलाफ देवभूमि अभियान जारी रहेगा
जबाव- देवभूमि उत्तराखंड की जमीन पर उसके मूल अस्तित्व में किसी सूरत में गड़बड़ी न हो, इसके लिए अवैध कब्जे से सरकारी भूमि, वन विभाग की भूमि को मुक्त कराने का अभियान लगातार जारी रहेगा। बाकी बची भी अवैध कब्जे से मुक्त कराएंगे।
(दिल्ली में भी है डबल इंजन सरकार की जरूरत)
लोग बार-बार अन्य राज्यों में भी डबल इंजन की सरकारों को मौका दे रहे हैं। जाहिर है दिल्ली में भी डबल इंजन की सरकार की जरूरत है। दिल्ली की आप सरकार हर चीज में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए काम न करने के बहाने ढूंढती है। जनता यह समझ भी रही है और इस बार केंद्र की तरह दिल्ली में भी भाजपा सरकार बनाएगी। डबल इंजन लगेगा तो यहां पर जो व्यवस्थाएं हैं, जैसे आयुष्मान भारत योजना सरीखी कई जनहितकारी योजनाएं हैं जो यहां आम आदमी पार्टी सरकार के कारण चालू नहीं हो सकी हैं। वो सभी योजनाएं यहां डबल इंजन की सरकार बनने के बाद चालू होंगी और तेजी से विकास आगे बढ़ेगा।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने जिस तरह से वादे किये और किसी पर खरे नहीं उतरे। मैं दिल्ली की जनता से यही कहूंगा कि दिल्ली की जरूरतों को सिर्फ डबल इंजन की सरकार ही पूरा कर सकती है। इसलिए आगे आएं और भारतीय जनता पार्टी का कमल खिलाएं। इस बार दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत होगी।