Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Mar, 2025 09:04 AM

दिल्ली में बिजली व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। अब शहर में बिजली के लटकते तार नहीं दिखेंगे, क्योंकि इन्हें तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, बिजली कंपनियों को आदेश दिया गया है कि अगर किसी इलाके में पावर...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में बिजली व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। अब शहर में बिजली के लटकते तार नहीं दिखेंगे, क्योंकि इन्हें तुरंत हटाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, बिजली कंपनियों को आदेश दिया गया है कि अगर किसी इलाके में पावर ग्रिड फेल होता है, तो अधिकतम पांच मिनट में उसकी मरम्मत पूरी करनी होगी, ताकि निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
दिल्ली सरकार ने इस दिशा में तेजी से काम करने के लिए एक "मॉडल कॉलोनी" विकसित करने की योजना बनाई है, जहां बिजली के तार व्यवस्थित होंगे और खंभों पर अनावश्यक भार नहीं पड़ेगा। इस संबंध में दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने बिजली कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश जारी किए हैं।
ग्रीष्म ऋतु के लिए तैयार किया गया समर एक्शन प्लान
ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली में गर्मी के दौरान बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए "समर एक्शन प्लान 2025" को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बिजली की निर्बाध आपूर्ति बनी रहे और जरूरत के हिसाब से पहले से तैयारी कर ली जाए।
बैठक में लिए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले—
- लटकते बिजली के तार हटाने का आदेश, जिससे खंभों पर भार कम हो।
- पावर ग्रिड फेल होने पर अधिकतम 5 मिनट में सुधार का निर्देश, ताकि बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो।
- हर 15 दिन में समीक्षा बैठक, जिसमें कार्यों की प्रगति पर नजर रखी जाएगी।
- बिजली खंभों से अन्य कंपनियों के तार हटाने का निर्देश, ताकि अव्यवस्था खत्म हो सके।
"मॉडल कॉलोनी" बनेगी उदाहरण
सरकार की योजना है कि दिल्ली में एक ऐसी मॉडल कॉलोनी विकसित की जाए, जहां बिजली के तार व्यवस्थित रूप से लगाए जाएं और लटकते तारों का कोई जाल न हो। अगर यह मॉडल सफल रहता है, तो इसे पूरे दिल्ली में लागू किया जाएगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि उनका संकल्प है कि गर्मियों में किसी भी नागरिक को बिजली की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनियों को अभी से ही प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।