Edited By Mahima,Updated: 21 Feb, 2025 11:44 AM
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दिल्ली सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में लौटने का आदेश दिया है। पूर्व सरकार के समय जिन अधिकारियों को दूसरे विभागों में भेजा गया था, उन्हें तुरंत उनके पुराने विभागों में वापस भेजा गया। इसके साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री और...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद, मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने कई बड़े प्रशासनिक फैसले किए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम था दिल्ली सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों का फेरबदल। सरकार ने यह फैसला लिया कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में रिपोर्ट करने के लिए कहा जाएगा। पूर्व सरकार द्वारा जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर दूसरे स्थानों पर भेजा गया था, उन्हें तुरंत अपने मूल विभागों में वापस भेज दिया गया है।
इस निर्णय का उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और कार्यक्षमता सुनिश्चित करना है। दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह सभी विभागों से यह जानकारी मांगी थी कि पूर्व सरकार द्वारा नियुक्त किए गए कॉन्ट्रैक्ट और निजी स्टाफ का विवरण प्रदान किया जाए। इसके बाद सरकार ने फैसला लिया कि जिन अधिकारियों की नियुक्ति दूसरे विभागों में की गई थी, उन्हें तुरंत उनके मूल विभागों में वापस भेजा जाएगा। इसी प्रकार, पूर्व मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के निजी स्टाफ की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं। यह फैसला नई सरकार ने अपने प्रशासनिक ढांचे को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए लिया है।
पूर्व सरकार के कार्यकाल में कई अधिकारियों को बोर्ड और कॉर्पोरेशन जैसे दूसरे सरकारी विभागों में भेजा गया था, लेकिन नई सरकार ने सभी को उनके मूल विभागों में वापस भेजने का आदेश दिया है। इस कदम से अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में समन्वय और प्रभावशीलता बढ़ाने की उम्मीद है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि नई सरकार का यह फैसला अपने प्रशासनिक सुधारों का हिस्सा है, जिससे अधिकारियों के कामकाज में सुधार होगा और भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी।