Edited By Rahul Rana,Updated: 26 Mar, 2025 05:38 PM
दिल्ली में आने वाली नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी का असर ऑटोरिक्शा चलाने वालों पर सीधा पड़ेगा। दिल्ली सरकार अब 10 साल पुराने सीएनजी ऑटोरिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा से बदलने की योजना बना रही है। इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में आने वाली नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी का असर ऑटोरिक्शा चलाने वालों पर सीधा पड़ेगा। दिल्ली सरकार अब 10 साल पुराने सीएनजी ऑटोरिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा से बदलने की योजना बना रही है। इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि ऑटोरिक्शा ड्राइवरों को भी कई लाभ मिलने की उम्मीद है।
नई EV पॉलिसी का लक्ष्य
दिल्ली में पहले से ही इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा की संख्या कम है, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने EV पॉलिसी 2.0 लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पॉलिसी का उद्देश्य दिल्ली की सड़कों पर पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले सीएनजी ऑटो रिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटो से बदलना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली में करीब 94,000 ऑटोरिक्शा हैं, जिनमें से लगभग 18,000 10 साल पुराने सीएनजी ऑटोरिक्शा हो सकते हैं, जिनको इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा।
ऑटोरिक्शा ड्राइवरों के लिए फायदे
ईवी पॉलिसी के तहत, सरकार पुराने सीएनजी ऑटो के बदले नए इलेक्ट्रिक ऑटो लेने पर ड्राइवरों को सब्सिडी देने की योजना बना रही है। इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट, पुराना ऑटो स्क्रैप करने पर डिस्काउंट जैसे लाभ भी मिलने की संभावना है। महिंद्रा, बजाज, टीवीएस और पियाजियो जैसी कंपनियों ने इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा की पेशकश की है, जिनकी कीमत 5 लाख रुपये तक है और इनमें बैटरी की वारंटी भी 5 से 8 साल तक दी जा रही है।
1.सरकार पुराने सीएनजी ऑटो के बदले नए इलेक्ट्रिक ऑटो पर शिफ्ट होने के लिए इंसेंटिव दे सकती है।
2.नए इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा को रजिस्ट्रेशन फीस से छूट मिल सकती है।
3.अगर पुराना ऑटोरिक्शा स्क्रैप होता है, तो इसका फायदा डिस्काउंट के रूप में नए ऑटोरिक्शा की खरीद पर मिल सकता है।
4.देश में पीएम ई-ड्राइव योजना पहले से लागू है। इसके तहत तिपहिया वाहनों पर 5000 रुपये प्रति किलोवॉट तक की सब्सिडी और मैक्सिमम 50,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल रही है।
5.सीएनजी ऑटोरिक्शा से इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा पर शिफ्ट होने को लेकर राज्य सरकार अलग से भी सब्सिडी योजना का ऐलान कर सकती है।
ऑटो की चलाने की लागत में कमी
इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा की एक बड़ी खासियत उनकी लंबी रेंज और सस्ती चलाने की लागत है। सीएनजी ऑटोरिक्शा में एक किलो सीएनजी से 35 किलोमीटर तक की दूरी तय होती है, जबकि इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा औसतन 150 किलोमीटर तक चल सकते हैं। इस बदलाव से ऑटोरिक्शा चलाने का खर्च काफी कम हो जाएगा, क्योंकि एक किलो सीएनजी की कीमत 75 रुपये तक जा चुकी है, जबकि इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा की लागत करीब 50 पैसे से एक रुपये प्रति किलोमीटर तक होगी।
दिल्ली सरकार का सब्सिडी बजट
दिल्ली सरकार के लिए इस योजना का वित्तीय पहलू भी महत्वपूर्ण होगा। यदि सरकार 18,000 पुराने ऑटोरिक्शा को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए प्रति वाहन 50,000 रुपये की सब्सिडी देती है, तो इस पर 90 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। अगर सरकार सभी 94,000 ऑटोरिक्शा को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करती है, तो इसका कुल सब्सिडी बजट करीब 470 करोड़ रुपये होगा। नई EV पॉलिसी दिल्ली के ऑटोरिक्शा ड्राइवरों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा के इस्तेमाल से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि ड्राइवरों को भी बेहतर लाभ मिलेंगे। दिल्ली सरकार की यह योजना पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक कदम हो सकती है, जिससे दिल्ली में साफ-सुथरी हवा और बेहतर ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाए जाएंगे।