Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Feb, 2025 06:34 PM
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट से जुड़ी तस्वीरों और लोगो के अनधिकृत इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह निर्णय तब आया जब एक विवादित कार्यक्रम 'रतन टाटा आइकन अवार्ड' के आयोजन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। टाटा...
नेशनल डेस्क: दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट से जुड़ी तस्वीरों और लोगो के अनधिकृत इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह निर्णय तब आया जब एक विवादित कार्यक्रम 'रतन टाटा आइकन अवार्ड' के आयोजन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। टाटा ट्रस्ट ने इस पुरस्कार समारोह का विरोध किया था, क्योंकि आयोजकों ने बिना अनुमति के रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट के नाम का उपयोग करने का प्रयास किया था। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए रजत श्रीवास्तव के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी की और कार्यक्रम को रद्द करने की सख्त हिदायत दी।
क्या था मामला?
मुकदमा टाटा ट्रस्ट और टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर किया गया था। मामला इस बात से जुड़ा था कि रजत श्रीवास्तव नामक व्यक्ति ने 'रतन टाटा आइकन अवार्ड' के नाम से एक पुरस्कार समारोह आयोजित करने की योजना बनाई थी। इस पुरस्कार समारोह का प्रचार करते समय, आयोजकों ने बिना किसी अधिकार के रतन टाटा के नाम और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग किया था। इसके अलावा, उन्होंने यह दावा किया था कि रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट इस पुरस्कार को समर्थन दे रहे हैं, जबकि वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं था। इसलिए, टाटा ट्रस्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट में यह मामला दायर किया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और आदेश दिया कि कार्यक्रम का प्रचार तुरंत रोका जाए और रतन टाटा के नाम का इस्तेमाल न किया जाए।
अदालत का फैसला और अगले कदम
दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आयोजकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। अदालत ने रजत श्रीवास्तव से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वह रतन टाटा के नाम का इस्तेमाल न करें और कार्यक्रम को रद्द करने पर सहमति व्यक्त की। इसके साथ ही कोर्ट ने आयोजकों से यह भी कहा कि वे इस संबंध में एक अंडरटेकिंग (कानूनी वचन) दें। मुकदमे की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी, जब अदालत यह देखेगी कि आयोजक कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
रतन टाटा और टाटा ट्रस्ट की प्रतिष्ठा और उनका नाम भारतीय कारोबार और समाज में बहुत ही सम्मानजनक स्थान रखता है। इसलिए, किसी भी प्रकार के अनधिकृत उपयोग से न केवल उनके नाम की छवि को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह उनके योगदान और सेवा के प्रति सम्मान को भी प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, यह मामला भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए भी अहम है क्योंकि यह दिखाता है कि उच्च अदालतें ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाती हैं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों और संस्थाओं की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाती हैं।
टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा का समर्थन
टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा का हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है, न केवल उनके व्यवसायिक कर्तव्यों के लिए बल्कि समाजसेवा में उनके योगदान के कारण भी। रतन टाटा ने कई महत्वपूर्ण सामाजिक परियोजनाओं को जन्म दिया और भारतीय समाज में अपनी मजबूत पहचान बनाई। ऐसे में उनका नाम बिना अनुमति के किसी कार्यक्रम या प्रचार में इस्तेमाल किया जाना उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।