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Marriage Registration: मैरिज रजिस्ट्रेशन नियमों में बदलाव, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन अनिवार्य

Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Mar, 2025 09:10 AM

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दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन को लागू करने की बात कही गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकारों को आदेश दिया...

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें शादियों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन को लागू करने की बात कही गई थी। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकारों को आदेश दिया कि वे इस मामले में तीन महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें। अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी।

यह याचिका आकाश गोयल ने दायर की थी, जिसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में शादियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करार दिया था, लेकिन अब तक इसे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि मौजूदा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जटिल है, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि 2014 में शादियों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए नियम बनाए गए थे, लेकिन याचिकाकर्ता ने इसमें कई कमियों की ओर इशारा किया। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ये नियम कार्यपालक स्तर के हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप एक ठोस कानून बनाना आवश्यक है, जिससे शादियों का रजिस्ट्रेशन बाधारहित तरीके से हो सके।

याचिका में केंद्र सरकार से यह भी मांग की गई है कि वह शादियों के पंजीकरण के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस विकसित करने के लिए नियम बनाए।

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