mahakumb

दिल्ली हाईकोर्ट ने EVM के उपयोग को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की, क्या है मामला?

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Jan, 2025 01:09 PM

delhi high court dismisses appeal challenging use of evms

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के उपयोग को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने यह तर्क दिया था कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम के उपयोग के लिए...

नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के उपयोग को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता ने यह तर्क दिया था कि भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम के उपयोग के लिए अलग-अलग कारण प्रस्तुत करने चाहिए थे, लेकिन अदालत ने इस तर्क को अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।

क्या था याचिकाकर्ता का तर्क?

याचिकाकर्ता रमेश चंद्र ने अदालत में यह दावा किया था कि ईसीआई को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्यों ईवीएम का उपयोग किया जा रहा है। उनका कहना था कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61-ए के तहत यह आवश्यक है कि प्रत्येक क्षेत्र में ईवीएम के उपयोग को स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर आंका जाए। चंद्र ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए कि वह प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम के उपयोग के लिए किन कारणों के आधार पर निर्णय ले रहा है।

अदालत का फैसला क्या था?

दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ, जिसकी अध्यक्षता कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला कर रहे थे, ने याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई ठोस आधार नहीं प्रस्तुत किया जिससे यह मामला न्यायिक हस्तक्षेप के योग्य बनता हो। पीठ ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61-ए के तहत चुनाव आयोग को ईवीएम के उपयोग को अपनाने का अधिकार है, और उसने पहले ही यह निर्देश जारी कर दिए हैं कि किन-किन निर्वाचन क्षेत्रों में ईवीएम का उपयोग होगा।

ईसीआई के द्वारा पहले ही जारी किए गए थे निर्देश

अदालत ने यह भी कहा कि ईसीआई ने पहले ही अपनी ओर से निर्देश जारी कर दिए थे और इनमें उन निर्वाचन क्षेत्रों को निर्दिष्ट किया था जहां ईवीएम का उपयोग किया जाएगा। इस प्रकार, अदालत ने पाया कि ईसीआई ने प्रावधानों का पालन किया था और इसलिए याचिकाकर्ता का दावा आधारहीन था।

अदालत ने क्यों किया याचिका खारिज?

अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61-ए की भाषा इस बात का समर्थन नहीं करती कि चुनाव आयोग को हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए अलग से कारण प्रस्तुत करना चाहिए। इसके अलावा, अदालत ने पहले के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही निर्णय लिया जा चुका है, और याचिकाकर्ता ने कोई नया ठोस तथ्य नहीं प्रस्तुत किया जो अदालत को हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित करता।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!