Edited By Mahima,Updated: 19 Jun, 2024 02:18 PM
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने सामान के लिए क्विक ड्रॉप सॉल्यूशन लॉन्च कर नई मिसाल कायम की है। यहां सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप (एसएसबीडी) सिस्टम शुरू किया गया है।
नेशनल डेस्क: दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने सामान के लिए क्विक ड्रॉप सॉल्यूशन लॉन्च कर नई मिसाल कायम की है। यहां सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप (एसएसबीडी) सिस्टम शुरू किया गया है। इससे बैगेज ड्रॉप प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी और सामान के लिए इंतजार करने का समय बचेगा। एसएसबीडी जैसी अत्याधुनिक तकनीक को शुरू करने वाला दिल्ली हवाई अड्डा देश का पहला और कनाडा के टोरंटो के बाद दुनिया का दूसरा एयरपोर्ट बन गया है।
टर्मिनल 1 और टर्मिनल 3 में अब 50 सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप यूनिट चालू हैं। इससे यात्री सरल और कुशल चेक-इन अनुभव का आनंद ले सकेंगे। इससे बोर्डिंग पास या बायोमेट्रिक सत्यापन की जरूरत खत्म हो जाती है, क्योंकि ये विवरण बैगेज टैग पर पहले से ही उपलब्ध होते हैं। इससे प्रोसेसिंग का समय एक मिनट से घटकर 30 सेकंड रह जाता है।
एसएसबीडी कैसे काम करता है
-यात्री कॉमन यूज सेल्फ सर्विस कियोस्क पर अपने बोर्डिंग पास, बैगेज टैग खुद प्रिंट कर सकते हैं। चेक-इन डेस्क का झंझट नहीं ।
-बोर्डिंग पास को स्कैन कर सकेंगे या बायोमेट्रिक कैमरों का खुद उपायोग कर सकते हैं और बैग को कन्वेयर बेल्ट पर छोड़ सकते हैं।
-अभी एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो यात्रियों को यह सुविधा है। वे लगेज में खतरनाक या प्रतिबंधित सामग्री न होने की घोषणा कर सकेंगे
पिछले हफ्ते विदेशी यात्रियों के लिए बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कियोस्क लगाए
दिल्ली एयरपोर्ट पर पिछले हफ्ते ही विदेशी यात्रियों के लिए 5 बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कियोस्क लगाए गए थे। इन कियोस्क का उद्देश्य उन विदेशी नागरिकों के लिए आव्रजन प्रक्रियाओं में तेजी लाना है, जिन्होंने बिना अपनी बायोमेट्रिक जानकारी जमा किए वीसा प्राप्त कर लिया है। ऐसा करने वाला यह देश का पहला एयरपोर्ट है।