Edited By Mahima,Updated: 07 Feb, 2025 12:40 PM
दिल्ली मेट्रो में आसाराम से जुड़े विज्ञापनों को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था, जिनमें उनकी तस्वीर के साथ पेरेंट्स डे का संदेश था। सोशल मीडिया पर इन विज्ञापनों की आलोचना हुई और मेट्रो ने इन्हें हटाने का निर्णय लिया। आसाराम पिछले 11 साल से जेल में हैं और...
नेशनल डेस्क: बीते कुछ दिनों से दिल्ली मेट्रो के अंदर आसाराम से जुड़े विज्ञापनों को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। सोशल मीडिया पर इन विज्ञापनों की तस्वीरें वायरल हो गई थीं, जिनमें आसाराम की तस्वीर के साथ पेरेंट्स डे के बारे में संदेश था। इन विज्ञापनों में आसाराम को एक धार्मिक गुरु के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जबकि वह रेप के मामले में जेल में सजा काट रहे हैं। आसाराम के खिलाफ आरोप 2001 से 2006 के बीच की एक अवधि के दौरान दर्ज किए गए थे, और उन्हें 2018 में एक सेशन कोर्ट ने बलात्कार और अवैध तरीके से बंधक बनाने के आरोप में उम्रभर की सजा सुनाई थी।
इस मामले के साथ ही आसाराम के खिलाफ कई अन्य आरोप भी हैं, जिनमें उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था। नारायण साईं को भी 2019 में उम्रभर की सजा सुनाई गई थी। जब सोशल मीडिया पर इन विज्ञापनों की तस्वीरें वायरल होने लगीं, तो लोगों ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की आलोचना करना शुरू कर दिया। एक पोस्ट में लोगों ने यह सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति के विज्ञापन को मेट्रो में कैसे जगह दी जा सकती है, जो खुद जेल में सजा काट रहा है। इसके बाद, दिल्ली मेट्रो ने इन विज्ञापनों पर एक बयान जारी किया और कहा कि ये विज्ञापन जल्द ही हटा दिए जाएंगे। दिल्ली मेट्रो ने इस पर सफाई दी और बताया कि उनके पास विज्ञापनों को मंजूरी देने के लिए एक सेट प्रक्रिया है।
इसके तहत वेंडर्स द्वारा दिए गए प्रस्तावित विज्ञापनों की जांच की जाती है। DMRC ने यह भी कहा कि यह मामला जांच के तहत है और वे यह पता लगा रहे हैं कि ये विज्ञापन मेट्रो ट्रेन में कैसे लगाए गए थे। वायरल हुई तस्वीरों में दो अलग-अलग डिज़ाइन के विज्ञापन दिखाए गए थे, जिनमें 14 फरवरी को पेरेंट्स डे मनाने का जिक्र था। इन विज्ञापनों में आसाराम की तस्वीर भी शामिल की गई थी, जिससे यह साफ प्रतीत होता था कि उन्हें प्रेरणास्त्रोत के रूप में दिखाया जा रहा था। दिल्ली मेट्रो ने इन विज्ञापनों को हटाने के बाद अपनी तरफ से इस मामले में सुधार की प्रक्रिया शुरू की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
जानिए क्या है आसाराम के खिलाफ आरोप
आसाराम पिछले 11 साल से जेल में हैं और उनकी सजा की कहानी बहुत जटिल है। आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत 2013 में दर्ज की गई थी, जबकि पीड़िता के साथ यौन शोषण का घटनाक्रम 2001 से 2006 के बीच हुआ था। पीड़िता का आरोप था कि आसाराम और उनके साथियों ने उसे अहमदाबाद स्थित आश्रम में बंधक बना कर कई बार बलात्कार किया। इस मामले में आसाराम के अलावा उनकी पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी आरोपी बनाया गया था। आसाराम के खिलाफ इस तरह के गंभीर आरोपों की वजह से देशभर में लोगों ने उन्हें धार्मिक गुरु के बजाय अपराधी के रूप में देखा। आसाराम के खिलाफ यह मामला साल 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। मामले के बाद कई महिलाओं ने आसाराम के खिलाफ अपने आरोपों को सार्वजनिक किया था। आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी पीड़िता की बहन ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था और नारायण साईं को भी 2019 में उम्रभर की सजा सुनाई गई थी।